बता दें कि गुर्जर नेता विजय बैंसला ने मांगें नहीं मानने पर राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करने की घोषणा की थी। विजय बैंसला की धमकी के बाद गहलोत सरकार ने उन्हें वार्ता के लिए बुलाया। चार वार्ता के बाद आखिरकार गुर्जरों और राजस्थान सरकार में समझौता हो गया।
गुर्जरों की मांग पर बनेगी कमेटी
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल और सरकार के बीच समझौता में सभी मांगों पर सहमति बनी। सरकार अब एक कमेटी बनाएगी। यह कमेटी एक महीने के अंदर मोस्ट बैकवर्ड क्लास (एमबीसी) के अभ्यर्थियों की पोस्टिंग को लेकर समाधान करेगी।
पायलट पर बैंसला का निशाना
समझौते के बाद विजय बैंसला ने इशारों-इशारों में सचिन पायलट पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैं पूरे एमबीसी समाज और खासकर युवाओं को कहना चाहता हूं कि दूसरों के झंडे उठाना बंद करें। अपनी पढ़ाई के झंडे उठाएं वरना अगला आदमी तो अपना झंडा उठाकर आगे चला जाएगा। आपके हाथ में केवल डंडा रह जाएगा। वो डंडा आपको कहीं आगे लेकर नहीं जाएगा।
देवनारायण गुरूकुल योजना को फंक्शनिंग में लाने, योजना की अनियमितताएं दूर करने, स्टूडेंट्स को सुविधाएं उपलब्ध कराने, जिन स्कूलों में देवनारायण योजना के तहत बच्चे नहीं पढ़ रहे हैं, उन स्कूलों को भी योजना के तहत भुगतान होने पर सहमति बनी है।
2019 और 2020 का समझौता लागू करने की थी मुख्य मांग
गुर्जर नेता साल 2019 और 2020 में हुए समझौते के बिंदु लागू करने की मांग कर रहे थे। इसमें भर्तियों में एमबीसी आरक्षण के लंबित केस, पुरानी भर्तियों में आरक्षण का फायदा दिलाने, बैकलॉग पोस्ट में आरक्षण देकर गुर्जर समाज के युवाओं की भर्ती करने, शैडो पोस्ट क्रिएट करने, गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान समाज के लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, एससी-एसटी की तर्ज पर एमबीसी के स्टूडेंट्स को मेडिकल में फीस में छूट देने, देवनारायण योजना जैसे मुद्दे शामिल हैं।