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ग्रामीणों का चार साल का संघर्ष लाया रंग, अब जल्द होगा एम्स का शिलान्यास

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हरियाणा के रेवाड़ी में ग्रामीणों के करीब चार साल के संघर्ष के बाद गांव माजरा-भालखी में बनने वाले एम्स के निर्माण का रास्ता लगभग साफ हो गया है। वीरवार को चंडीगढ़ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जमीन को लीज पर देने की स्वीकृति दे दी है।

 

इससे न केवल माजरा-भालखी, बल्कि रेवाड़ी सहित महेंद्रगढ़ व राजस्थान के अलवर जिले के लोगों में खुशी की लहर है। ऐसे में अब जल्द ही शिलान्यास होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने बैठक में जिले गांव माजरा-भालखी में एम्स की स्थापना के लिए 210 एकड़ 3 कनाल 5 मरला भूमि एक रुपये प्रति वर्ष एकड़ की दर से 99 वर्षों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को लीज पर देने के लिए प्रशासनिक विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है।

ग्रामीणों ने 127 दिनों तक दिया धरना
एम्स संघर्ष समिति मनेठी व आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों ने मनेठी में एम्स के निर्माण को लेकर 127 दिनों तक धरना व भूख हड़ताल की थी। एम्स संघर्ष समिति मनेठी के सचिव ओमप्रकाश सैन ने बताया कि 1 अक्तूबर 2018 धरना प्रदर्शन शुरू किया था, जो 5 फरवरी 2019 को खत्म हुआ था। इसमें 1 नवंबर 2018 से 2 फरवरी 2019 तक 94 दिन तक सांकेतिक भूख हड़ताल चली थी।

 

5 फरवरी 2019 को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारीलाल ने धरनास्थल पर जाकर जूस पिलाकर ग्रामीणों का धरना खत्म करवाया था। इसके बाद 12 फरवरी 2019 को कुरुक्षेत्र में आयोजित रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवाड़ी जिले के मनेठी में 22वां एम्स बनाने की घोषणा की थी।

 

 

वर्ष 2015 में हुई थी घोषणा
वर्ष 2015 में हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव मनेठी में देश के 22वें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का निर्माण करने की घोषणा सरकार की तरफ से की गई थी। उसके बाद यहां जमीन न मिलने के कारण इसे माजरा-भालखी में बनाने की योजना तैयार की गई। 20 अक्तूबर 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम ने 203 में से 189 एकड़ भूमि पर कब्जा ले लिया है।
केंद्र ने 2019 में एम्स के लिए बजट भी किया था जारी
केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा 1 फरवरी 2019 को संसद में पेश किए गए अपने बजट अभिभाषण में हरियाणा में एक एम्स स्थापित करने की घोषणा की गई थी और प्रदेश सरकार ने राज्य में एम्स की स्थापना के लिए निशुल्क भूमि उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया था, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एम्स की स्थापना की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी जमीन सौंपने का निर्णय लिया है।

 

 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल के सराहनीय प्रयास से एम्स की सौगात मिलने जा रही है, जिसका सीधा फायदा रेवाड़ी के साथ ही प्रदेश की जनता को भी होगा।
एम्स में होगी 750 बेड की सुविधा
गांव माजरा-भालखी में प्रस्तावित एम्स में 750 बिस्तर होंगे। इसमें मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज सहित आईसीयू स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट सहित करीब 1500 व्यक्तियों को प्रतिदिन ओपीडी में देखने की सुविधाएं होंगी। इसके अलावा प्राइवेट वार्ड, ट्रामा बेड व आयुष बेड की सुविधाएं भी कैंपस में मिलेंगी। कैंपस में नाइट शेल्टर, गेस्ट हाउस, ऑडिटोरियम, हॉस्टल व रिहायश सुविधाएं भी दी जाएंगी। एम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं के बढ़ोतरी के साथ मेडिकल एजुकेशन, नर्सिंग और स्वास्थ्य संबंधित रिसर्च अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा।
जुलाई माह रहा शुभ
इसमें सबसे रोचक बात यह है कि वर्ष 2015 में 4 जुलाई को मुख्यमंत्री ने बावल में आयोजित रैली में मनेठी गांव में एम्स बनाने की घोषणा की थी, लेकिन मनेठी द्वारा दी जाने वाली जमीन अरावली क्षेत्र में आने से वहां एम्स नहीं बन सकता था। इसके लिए माजरा के ग्रामीणों ने पहल करते हुए सरकार को अपनी जमीन 40 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सरकार के नाम करवा दी। करीब 7 साल बाद 7 जुलाई 2022 को इसकी रजिस्ट्री शुरू की गई। जिला प्रशासन ने शनिवार और रविवार को भी ग्रामीणों की जमीन की रजिस्ट्री कर सरकार के नाम की।

मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग को जमीन लीज की स्वीकृत प्रदान करने पर सभी ग्रामवासियों व क्षेत्रवासियों में खुशी है। अब जल्द ही माजरा-भालखी में एम्स का शिलान्यास का पत्थर लगने की उम्मीद है। उन्होंने मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल का आभार व्यक्त किया। – रविंद्र हाथी, सरपंच, गांव माजरा
हम सब ग्रामवासी व समस्त कमेटी सदस्य मुख्यमंत्री द्वारा एम्स की जमीन की लीज पर स्वीकृति देने पर आभार व्यक्त करते हैं। हमें इस बात खुशी है कि हम क्षेत्रवासियों की मेहनत व हमारे राजनेताओं की वजह से यह संभव हो पाया है। हम मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारीलाल का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने एम्स जैसी सौगत दिलवाई है। – जगदीश यादव, प्रधान, माजरा को-ऑपरेटिव सोसाइटी

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