बॉलीवुड में हीरो के बेटे तो काफी सफल हुए हैं, लेकिन विलेन के बेटों की किस्मत उतनी बुलंद नहीं रही। इस मामले में अपने जमाने के मशहूर विलेन जीवन के बेटे किरण कुमार अपवाद साबित हुए हैं और उन्होंने अपने अभिनय की लम्बी पारी भी खेली। अब दिग्गज विलेन रंजीत के बेटे जीवा जल्द ही निर्देशक शशांक खेतान की फिल्म ‘गोविंदा नाम मेरा’ के जरिए डेब्यू कर रहे हैं। रंजीत के बेटे जीवा दर्शकों की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरेंगे यह तो फिल्म जब रिलीज होगी पता चल ही जाएगा, इससे पहले आइए जानते हैं बॉलीवुड के उन विलेन के बेटों के बारे में जिन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा और उनका करियर ग्राफ कैसा रहा।
अजीत के बेटे शहजाद खान
अजीत 70 और 80 के दशक के सबसे लोकप्रिय विलेन रहे हैं। उनका ‘मोना डार्लिंग’ डायलॉग खूब फेमस रहा। उनकी राह पर चलते हुए उनके बेटे शहजाद खान ने फिल्मों में कदम रखा। शहजाद खान ने अपने अभिनय की शुरुआत साल 1988 में फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ से की थी । इसके बाद वह ‘अंदाज अपना अपना’ में नजर आए । वह हिट टीवी धारावाहिक ‘शाका लाका बूम बूम’ में अपने किरदार टाइगर के लिए भी लोकप्रिय रहे हैं। लेकिन उन्हें जो सफलता मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली। शहजाद खान ने साल 2010 में फिल्म ‘फंडा अपना अपना’ का निर्माण भी किया जो रिलीज ही नहीं हो पाई। फिल्मों में शहजाद खान ने ज्यादातर खलनायकों के गुर्गे या साइडकिक्स की भूमिका में ही नजर आते रहे हैं।
कादर खान के बेटे सरफराज खान
कादर खान अपने जमाने के मशहूर विलेन रहे है। कादर खान के बेटे सरफराज ने साल 1993 में अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘शतरंज’ से की। इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती और जैकी श्रॉफ की मुख्य भूमिका थी। इस फिल्म के डायलॉग कादर खान ने ही लिखे थे। इस फिल्म के अलावा सरफराज खान ‘मैने दिल तुझको दिया’, ‘तेरे नाम’, ‘वांटेड’, ‘रमैया वस्तावैया’ जैसी कई फिल्मों में काम किया लेकिन, अपने पिता कादर खान की तरह सफल अभिनेता नहीं बन पाए।
शक्ति कपूर के बेटे सिद्धांत कपूर
अपने जमाने के मशहूर विलेन शक्ति कपूर के बेटे सिद्धांत कपूर सबसे पहले सोहम शाह की फिल्म ‘सत्ते पे सत्ता’ से डेब्यू करने वाले थे। यह फिल्म अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘सत्ते पे सत्ता’ की रीमेक के तौर पर बनने वाली थी लेकिन ये फिल्म बनते बनते रह गई। इसके बाद सिद्धांत कपूर ने साल 2013 में संजय गुप्ता की फिल्म ‘शूटआउट एट वडाला’ से डेब्यू किया। इस फिल्म में सिद्धांत कपूर के साथ अनिल कपूर, जॉन अब्राहम और कंगना रनौत नजर आए थे। इसके अलावा सिद्धांत कपूर निर्देशक अनुराग कश्यप की फिल्म ‘अगली’, अपनी बहन श्रद्धा कपूर के साथ फिल्म ‘हसीना पारकर’, ‘जज्बा’, ‘पलटन’, ‘यारम’, ‘भूत-पार्ट वन: द हॉन्टेड शिप’, ‘चेहरे’ जैसी फिल्मों में दिख चुके हैं लेकिन कोई भी फिल्म उन्हें सफलता नहीं दिला सकी।
अमजद खान के बेटे शादाब खान
‘शोले’ में गब्बर सिंह के किरदार को निभाकर अमजद खान असल जिंदगी में ही गब्बर के नाम से मशहूर हो गए थे। अमजद खान के बेटे शादाब खान ने भी फिल्मों में करियर बनाने की सोची लेकिन कुछ बात नहीं बनी। शादाब खान ने साल 1997 में फिल्म ‘राजा की आएगी बारात’ से रानी मुखर्जी के साथ बॉलीवुड में डेब्यू किया था। फिल्म ‘राजा की आएगी बारात’ फ्लॉप साबित हुई और शादाब की एक्टिंग को भी लोगों ने नापसंद किया। इसके बाद उन्हें कई मौके मिले। निर्देशन में भी उन्होंने हाथ आजमाने की कोशिश की लेकिन कुछ खास कामयाबी उन्हें भी नहीं मिली।