अभिनेता प्रतीक बब्बर की कमबैक फिल्म मानी जा रही मधुर भंडारकर निर्देशित ‘इंडिया लॉकडाउन’ उनके लिए जन्मदिन का अनमोल तोहफा बन गई है। 28 नवंबर 1986 को जन्मे प्रतीक की ये नई फिल्म लॉकडाउन के दौरान फंसे अप्रवासी मजदूरों की कहानी है। इस फिल्म में प्रतीक बब्बर ने बिहारी मजदूर माधव का किरदार निभाया है। फिल्म सीधे ओटीटी पर रिलीज होने जा रही है और फिल्म की रिलीज से पहले ही इसकी आईएमडीबी रेटिंग 7.6 तक जा पहुंची है। फिल्म में प्रतीक बब्बर के अलावा श्वेता बसु प्रसाद, अहाना कुमरा और सई ताम्हणकर की प्रमुख भूमिकाएं है। फिल्म की दिल्ली में हुई एक खास स्क्रीनिंग में प्रतीक के पिता अभिनेता और राजनेता राज बब्बर भी पहुंचे।
दिल्ली के फिल्म्स डिवीजन ऑडिटोरियम में हुई ‘इंडिया लॉकडाउन’ की खास स्क्रीनिंग में राज बब्बर के साथ कई दूसरी मशहूर शख्सियतें भी दिखीं। इस दौरान राज बब्बर अपने बेटे प्रतीक बब्बर का काम देखकर भावुक हो गए। फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ की फिल्म जगत में खासी चर्चा है और ये फिल्म प्रतीक की कमबैक फिल्म मानी जा रही है। इससे पहले प्रतीक इस साल अक्षय कुमार की चर्चित फिल्म ‘बच्चन पांडे’ में दिख चुके हैं। नेटफ्लिक्स की एक समलैंगिक रिश्तों पर बनी फिल्म ‘कोबाल्ट ब्लू’ में भी उनके काम की काफी चर्चा रही।
फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ की खास स्क्रीनिंग पर पहुंचे राज बब्बर ने कहा, ‘फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ सिर्फ एक फिल्म नहीं है बल्कि ये एक ऐसी अनुभूति और एक ऐसा दौर है जिससे हम सभी गुजरे हैं। मधुर भंडारकर ने जीवन में अलग-अलग लोगों की कहानियों पर फिल्म बनाई है जिन्होंने लॉकडाउन में कैसे अपना जीवन बिताया है। चाहे वह प्रवासी मजदूर हो या सेक्स वर्कर, लॉकडाउन सभी के लिए एक कठिन समय था और लॉकडाउन की कहानियों को खूबसूरती से चित्रित किया गया है।’
‘इंडिया लॉकडाउन’ में राज बब्बर के बेटे प्रतीक बब्बर ने बिहारी मजदूर माधव का किरदार निभाया है। फिल्म में प्रतीक बब्बर के काम को देखकर राज बब्बर भावुक हो गए। यहां तक कि प्रतीक बब्बर भी अपने पिता और परिवार के अन्य सदस्यों से मिल रहे प्यार से अभिभूत दिखे। फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ की शूटिंग पिछले साल ही हो चुकी थी और सिनेमाघरों में इसके वितरक न मिलने के चलते इसे सीधे ओटीटी पर रिलीज किया जा रहा है। इससे पहले मधुर भंडारकर निर्देशित फिल्म ‘बबली बाउंसर’ भी सीधे ओटीटी पर ही रिलीज हुई। फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ अलग-अलग पात्रों की चार समानांतर कहानियों को बताती है, जो कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते बहुत ही कठिन हालात से गुजरे।
राज बब्बर के अलावा फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ की स्क्रीनिंग पर खास तौर पर पहुंचे अनु मलिक ने कहा, ‘ फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ वास्तव में जीवन का एक हिस्सा है। मुझे खुशी है कि मधुर भंडारकर ने लॉकडाउन की कहानियों का दस्तावेजीकरण करने और इसे एक ऐसी फिल्म में बदलने का फैसला किया जो दुनिया भर के दर्शकों को जरूर पसंद आएगी। इसके अलावा, यह फिल्म हमेशा के लिए है क्योंकि इसमें यह दिखाया गया है कि लॉकडाउन में अलग-अलग तबके के लोगों के साथ क्या हुआ। इंडिया लॉकडाउन महामारी की दिल को छू लेने वाली कहानी है।’