राहुल गांधी की भारत यात्रा इन दिनों मध्यप्रदेश में है। इस यात्रा में करीब सौ से अधिक भारत यात्री हैं, जिन्होंने राहुल के साथ ही कन्याकुमारी में अपना सफर शुरू किया था। इनमें से एक है हरियाणा के 27 वर्षीय दिनेश शर्मा। बाएं पैर पर पट्टी बंधी बंधी है और दाएं पैर में छाले हैं। बिना चप्पल जो अब तक की यात्रा तय की है। ऐसा नहीं है कि चप्पल पहन नहीं सकते, लेकिन दिनेश शर्मा ने 12 साल पहले चप्पल पहनना छोड़ दिया था। उनका लक्ष्य है राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते देखना। इसके बाद ही वह चप्पल पहनेंगे। यात्रा में राहुल के पीछे तिरंगा लहराते दिनेश शर्मा आपको दिख जाएंगे।
ऐसा नहीं है कि इस राहुल भक्त को कोई नहीं जानता। राहुल खुद भाषण के दौरान मंच पर दिनेश शर्मा को बुला लेते हैं। महू में भी उन्होंने ऐसा ही किया। दिनेश को मंच पर बुलाया और राहुल के पीछे वह तिरंगा लहराते दिखे। दिनेश पेशे से वकील हैं। परिवार में एक भाई और बहन हैं।
तिरंगा हाथ में होता है तो दर्द भूल जाता हूं
नंगे पैर चलने पर परेशानी नहीं होती? इस सवाल के जवाब में दिनेश कहते हैं कि ‘कभी पैर में पत्थर चुभते है। कभी कांच लग जाता है, खून भी बहता है, लेकिन तिरंगा हाथ में होता है तो सारे दर्द भूल जाता हूं। छह राज्यों में सड़क पर चलने के दौरान ज्यादा दिक्कत नहीं आई, लेकिन मध्यप्रदेश की उबड़-खाबड़ सड़कों ने खूब परेशान किया। बुरहानपुर में ही तलवे में पत्थर घुस गया था। इस वजह से पट्टी बांधकर चलना पड़ रहा है।’
12 जोड़ी कपड़े सिलवाए यात्रा के
तिरंगे को थामे रखने के अलावा नरेश का ड्रेसिंग सेंस भी सबसे जुदा है। वे जो कुर्ता पहनते हैं, उस पर गांधी जी का फोटो है। यात्रा के लिए एक जैसे 12 जोड़ी कपड़े उन्होंने सिलवाए है। इसके अलावा भारत जोड़ो यात्रा का लोगो उनके कपड़ों पर भी है। सिर पर भगवा पगड़ी पहनते हैं। वे कहते है कि राहुल तेज कदमों से चलते हैं। अब मुझे भी उनके साथ आदत हो गई है।
दिनेश के तिरंगे से ही मिलती है राहुल को ताकत
दिनेश ने बताया कि राहुल ने उनसे कहा था कि ‘यात्रा के दौरान तिरंगा उनके सिर के ऊपर रहना चाहिए। इससे उन्हें ताकत मिलती है।’ दिनेश कहते हैं कि जिस झंडे को लेकर वे चल रहे है, उसे राहुल गांधी श्रीनगर में फहराएंगे। दिनेश की तरह एक अन्य युवक देंवेद्र भगोनिया भी तिरंगा यात्रा में तिरंगा लेकर चल रहे हैं।