बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे एमबीबीएस विद्यार्थियों की हरियाणा सरकार के साथ रविवार को दूसरे दौर की वार्ता भी विफल रही। इस पर विद्यार्थियों के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सोमवार को पूरे प्रदेश में निजी अस्पतालों में ओपीडी और इमरजेंसी बंद करने का फैसला किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की राज्य प्रधान डॉ. पुनिया असीजा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि बॉन्ड पॉलिसी वापस ली जाए।
एमबीबीएस के विद्यार्थियों की मांगें नहीं मानी गई तो 28 नवंबर को निजी अस्पताल ओपीडी व आपात सेवाएं भी बंद कर देंगे। सीएमओ के अधिकारियों के साथ पांच घंटे चली मैराथन बैठक में एक भी बिंदु पर सहमति नहीं बन पाने पर विद्यार्थियों ने अब आंदोलन और तेज करने का एलान किया।
रोहतक पीजीआई और करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस विद्यार्थियों की भूख हड़ताल जारी है। रोहतक में दो विद्यार्थियों की सेहत बिगड़ने का दावा किया गया है। वहीं, गोहाना के भगत फूल सिंह (बीपीएस) महिला मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्राओं का धरना जारी है। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन भी विद्यार्थियों के आंदोलन में शामिल हो गई है।
सीएमओ के अधिकारी नहीं मना सके
रोहतक से विद्यार्थी दोपहर तीन बजे हरियाणा निवास पहुंचे। उनके साथ पीजीआई रोहतक के निदेशक डॉ. एसएस लोहचब भी थे। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा और डीएमईआर डॉ. आदित्य दहिया की विद्यार्थियों के साथ शाम पांच से लेकर रात आठ बजे तक बैठक चली। कोई सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद रात 9 से 10 बजे तक दोबारा वार्ता हुई। सरकार और विद्यार्थियों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं हुआ। अब मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है, क्योंकि पीजीआई व कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवाएं पहले से ही प्रभावित हैं।