देश में जिलेवार अल्पसख्यकों के निर्धारण की मांग को लेकर अब स्वामी जितेन्द्रनाथ सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम की धारा 2 को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की है।
स्वामी जितेन्द्रनाथ सरस्वती ने याचिका में कहा है कि नौ राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुके हैं। फिर भी वो अपने पसंद के शैक्षणिक संस्थान नहीं खोल सकते हैं। जबकि संविधान की धारा 30 भाषाई और धार्मिक अल्पसख्यकों को शैक्षणिक संस्थान खोलने और प्रशासन का अधिकार देता है जिसके तहत सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर छह समुदायों को अल्पसंख्यक घोषित किया है।
सुप्रीम कोर्ट में एक और ऐसी ही याचिका धर्मगुरु देवकीनंदन ठाकुर ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि 9 राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुके हैं। लेकिन फिर भी वो अपने पसंद के शैक्षणिक संस्थान नहीं खोल सकते हैं, जबकि संविधान अल्पसख्यकों को ये अधिकार देता है।
याचिका में जिन 9 राज्यों में हिंदुओं के अल्पसंख्यक होने का हवाला दिया गया है उनमें लद्दाख, मिजोरम, लक्षद्वीप, कश्मीर, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब और मणिपुर शामिल हैं। याचिका में कहा गया है कि लद्दाख में 1 फीसदी, मिजोरम में 2.75 फीसदी, लक्षद्वीप में 2.77 फीसदी, कश्मीर में 4 फीसदी, नागालैंड में 8.74 फीसदी, मेघालय में 11.52 फीसदी, अरुणाचल प्रदेश में 29 फीसदी , पंजाब में 38.49 फीसदी और मणिपुर में 41.29 फीसदी हिंदू आबादी है।