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सपा से धर्मेंद्र यादव ने किया नामांकन, भाजपा का दांव निरहुआ पर, कांग्रेस नहीं उतारेगी प्रत्याशी

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आजमगढ़ लोकसभा सीट पर धर्मेंद्र यादव उपचुनाव चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने आज नामांकन दाखिल कर दिया।

समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के रूप में धर्मेंद्र यादव ने सोमवार दोपहर आजमगढ़ कलेक्ट्रेट पहुंच कर अपना नामांकन दाखिल किया।  इस दौरान जिले के कई सपा विधायक और पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे। सपा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा आजमगढ़  लोकसभा सीट से त्यागपत्र देने के चलते यहां उपचुनाव हो रहा है।

विधानसभा चुनाव में मैनपुर के करहल विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने के बाद अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। उपचुनाव के लिए सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन है। 23 जून को मतदान होगा और 26 जून को मतगणना के बाद चुनाव परिणाम घोषित किया जाएगा।

2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सीट से सपा प्रत्याशी के रूप में सपा मुखिया अखिलेश यादव मैदान में थे। वहीं भाजपा ने भोजपुरी सिनेस्टार दिनेश लाल यादव को मैदान में उतारा था। उस चुनाव में अखिलेश ने जीत दर्ज की थी। अब उपचुनाव में भाजपा ने एक बार फिर दिनेश लाल यादव निरहुआ पर भरोसा जताया है। निरहुआ ने भी सोमवार को नामांकन पर्चा दाखिल किया।

कौन हैं धर्मेंद्र यादव

अखिलेश यादव द्वारा खाली की गई सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। सपा की तरफ से कई नाम सामने आए। लेकिन अंत में फैसला हुआ कि इस बार भी मुलायम परिवार से ही प्रत्याशी है।  समाजवादी पार्टी ने आखिरी समय में सैफई परिवार के धर्मेंद्र यादव पर दांव खेला है। धर्मेंद्र यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भतीजे हैं। वो एक बार मैनपुरी और दो बार बदायूं से सांसद रहे हैं।

लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी को लेकर काफी दिनों से कयास लगाए जा रहे थे। कभी पूर्व राज्यसभा सांसद बलिहारी बाबू के पुत्र सुशील कुमार आनंद का नाम सामने आया तो कभी पूर्व सांसद और वर्तमान विधायक रमाकांत यादव का नाम। इस बीच शीर्ष नेतृत्व जीत हासिल करने के लिए मंथन करता रहा। सोमवार को धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।   सपा और भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन के चलते सोमवार को कलेक्ट्रेट क्षेत्र में काफी गहमा गहमी रही।

अपने गढ़ को गंवाना नहीं चाहती सपा

मुलायम सिंह यादव से कुछ कहते हुए धर्मेंद्र यादव (फाइल)
मुलायम सिंह यादव से कुछ कहते हुए धर्मेंद्र यादव (फाइल)
आजमगढ़ संसदीय सीट शुरू से ही सपा के हाथ में रही है। मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं। ऐसे में यह सीट सपा के लिए खास है। सपा इस सीट को किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती है। जिसके चलते भी सपा इस सीट को लेकर मंथन में जुटी है कि कौन ऐसा है जो इस सीट पर जीत हासिल कर सकता है।

रमाकांत को छोड़ जिले का कोई सपा नेता नहीं जीता

सपा और बसपा के उदय के बाद यह सीट सपा और बसपा की झोली में ही झूलती रही है। सपा इस सीट पर पार्टी के क्षेत्रीय दिग्गज नेताओं बलराम यादव और दुर्गा प्रसाद यादव को भी मैदान में उतार चुकी है, लेकिन दोनों ही जीत हासिल करने में नाकामयाब रहे। हालांकि रमाकांत यादव सपा के टिकट पर इस सीट से सांसद बन चुके हैं। उनके अलावा सपा के किसी क्षेत्रीय नेता को इस सीट पर जीत नहीं मिली है।
आशा खबर / विपुल

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