मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग भले ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की ओर से की जा रही है। लेकिन अभी इस ओर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। वहीं इसके उलट दमोह जिले की इमलिया चौकी के लकलका गांव में ग्रामीणों ने एक पंचायत बुलाई और गांव में शराब बंदी का निर्णय लिया।
इस मौके पर पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी ने आपसी सहमति से तय किया है कि गांव में न तो कोई अवैध शराब बेचेगा और न ही कोई बनाएगा, पूरा गांव नशा मुक्त रहेगा। गांव के सभी लोगों ने इस पर अपनी सहमति दी। पंचायत खत्म होने के बाद पूरे गांव में एक रैली भी निकाली गई। इस दौरान ग्रामीणों ने उन लोगों के घर जाकर भी समझाइश दी है, जो अवैध शराब बनाकर बेचते थे।
गांव के बुजुर्गों का क्या कहना है…
शराब बनाने वालों ने भी अपनी सहमति दी है कि अब गांव में शराब नहीं बनाएंगे और न ही बेचेंगे। गांव के बुजुर्गों और अन्य लोगों का कहना है कि शराब की लत से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है और कई तरह के अपराध होते हैं। सभी इस बात पर सहमत हैं कि गांव में अब कोई शराब नहीं बेचेगा और न ही बनाएगा।
इमलिया चौकी प्रभारी आनंद अहिरवाल भी इस दौरान मौजूद रहे। उन्होंने बताया, गांव के लोगों ने इच्छा जाहिर की थी कि उनके गांव में शराबबंदी होनी चाहिए। अब से पूरा गांव एक है और सभी ने सहमति से फैसला किया है कि अब गांव में शराबबंदी पूरी तरह लागू रहेगी। गांव की महिलाओं ने इस फैसले का स्वागत किया है, उनका कहना है कि कई घर अब बर्बाद होने से बच जाएंगे।