हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने केसीसी बैंक में होने जा रही पदोन्नति पर रोक लगा दी है। बैंक ने चुनाव आयोग से 790 विभिन्न पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरने की स्वीकृति ली थी। बैंक के विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए आयोग ने इन पदों को भरने की मंजूरी दी थी। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि बैंक के खाली पदों को बिना अदालत की अनुमति से न भरा जाए। खंडपीठ ने राज्य सरकार और बैंक प्रबंधन से तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है।
याचिकाकर्ता भारत भूषण ने आरोप लगाया कि इन पदों को भरते समय बैंक विकलांगता अधिनियम 2016 में दिए प्रावधानों का पालन नहीं कर रहा है। याचिकाकर्ता वर्ष 1999 से बैंक में कार्यरत है और अभी ग्रेड 2 के पद पर तैनात है। दलील दी गई है कि राज्य सरकार ने 6 जुलाई 2022 को जारी अधिसूचना के तहत सभी विभागों और निगमों में चार फीसदी आरक्षण विकलांग कर्मचारियों के लिए निर्धारित करने का प्रावधान रखा है। लेकिन बैंक इन प्रावधानों को दरकिनार कर विभिन्न पदों को पदोन्नति के माध्यम से भर रहा है। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि उसे विकलांगता का लाभ देते हुए मैनेजर के पद पर पदोन्नत किया जाए।