विधानसभा चुनावों में खरीद फरोख्त से डरी कांग्रेस अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जाकर महफूज रखेगी। आठ दिसंबर को मतगणना के बाद स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में हाईकमान ने इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सात दिसंबर को हिमाचल में डेरा डालने की तैयारी में है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रदेश के चुनाव पर्यवेक्षक और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला और सह प्रभारी संजय दत्त व तेजेंद्र सिंह बिट्टू विशेष तौर पर मतगणना के दौरान प्रदेश में मोर्चा संभालेंगे।
कांग्रेस के केंद्रीय और प्रदेश के नेता लगातार भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त करने के आरोप लगा रहे हैं। गोवा और महाराष्ट्र के उदाहरण देते हुए कांग्रेस नेता चुनी हुई सरकारों के गिराने की बात कर रही है। यही डर अब पार्टी नेताओं को हिमाचल में भी सताने लगा है। आठ दिसंबर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने हैं। कांग्रेस और भाजपा के कई बागी इस बार बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। कई निर्दलीय उम्मीदवारों की स्थिति मजबूती भी मानी जा रही है।
इस स्थिति में अगर किसी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो सरकार बनाने के लिए गठजोड़ करने की राजनीति शुरू होगी। इससे घबराई कांग्रेस ने अभी से आगामी योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में कांग्रेस के विधायकों को एकजुट रखने के लिए छत्तीसगढ़ ही सबसे सुरक्षित स्थान है। हालांकि राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकार है लेकिन वहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच आजकल छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। ऐसे में हिमाचल के विधायकों को राजस्थान नहीं ले जाया जाएगा।
शुक्ला ने ऑनलाइन बैठक में भी किया था आगाह
बीते दिनों कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने सभी उम्मीदवारों के साथ की ऑनलाइन बैठक में भी खरीद फरोख्त को लेकर चर्चा की थी। उन्होंने अपने सभी उम्मीदवारों को आगाह करते हुए कहा था कि भाजपा सरकार बनाने के लिए सभी हथकंडे अपना सकती है।