पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान लगातार घुसपैथठ के चक्कर में रहता है। शुक्रवार रात भी पंजाब में भारत पाक सीमा पर अमृतसर में बार्डर सिक्यूरिटी फोर्स के जवानों ने भारत-पाक सीमांत गांव दाओके के पास पाकिस्तानी ड्रोन क्वाडकॉप्टर डीजेआई मेट्रिक्स 300 आरटीके (चीन में निर्मित) को मार गिराया।
सीमांत इलाके में गश्त कर रहे बीएसएफ के जवानों ने दाओके क्षेत्र में पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाले ड्रोन की आवाज सुनी। जवानों ने लाइट फायर के साथ ही ड्रोन पर फायर कर दिए। एक गोली ड्रोन को लगी और वह आकाश से नीचे जमीन पर गिर गया।
बीएसएफ जवानों ने इसके तुरंत बाद पूरे इलाके को घेर लिया। संदेह है कि यह ड्रोन हथियारों या नशीले पदार्थों की खेप गिराने आया था। जवानों ने पूरे इलाके में सर्च अभियान शुरु कर दिया, जिसमें अभी तक जवानों कोे कोई संदिग्ध चीज नहीं मिली।
धुंध में नापाक साजिश: पाकिस्तान ने सीमा पर बढ़ाई ड्रोन गतिविधियां
भारत-पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में इन दिनों घनी धुंध और कोहरे के बीच ड्रोन गतिविधियां बढ़ गई हैं। गैंगस्टर और नशा तस्कर मौसम का फायदा उठा रहे हैं। आपराधिक तत्वों की सक्रियता सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बन गई है। सेना, बीएसएफ और पुलिस के लिए सीमा पार से आ रहे ड्रोन मुसीबत बने हैं। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक भारत-पाक सीमा पर 191 ड्रोन देखे गए, जिनमें से 171 पंजाब के साथ लगती भारत की सीमा में घुस आए।
सूत्रों के मुताबिक बीते दो सप्ताह के भीतर पंजाब की सीमा पर सात ड्रोन देखे गए, जिनमें से बीएसएफ ने चार को गिराया है। वहीं सीमावर्ती इलाकों में धुंध पड़ने से सीमा पार से घुसपैठ भी बढ़ रही है। जानकारी के मुताबिक पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर इस वर्ष ड्रोन से नशा और हथियार तस्करी के मामलों में वृद्धि हुई है।
राज्य में इस वर्ष अब तक 150 से अधिक ऐसी गतिविधियां पकड़ी गई हैं। ड्रोन की बढ़ती गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों को सकते में डाल दिया है। ड्रोन की आवाजाही सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चुनौती बनी हुई है। बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक पीवी रामा शास्त्री का कहना है कि इस सीजन में धुंध बढ़ने से ड्रोन की गतिविधियां बढ़ गई हैं।
खराब मौसम के कारण ड्रोन को डिटेक्ट करना हालांकि मुश्किल रहता है। बावजूद इसके बीएसएफ पूरी तरह से मुस्तैद है। सीमा सुरक्षा बल नई तकनीक पर भी काम कर रहा है, जिससे ड्रोन की गतिविधियों को पूरी तरह से रोका जा सकेगा। गौरतलब है कि नशीले पदार्थ, हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल पहली बार 2019 में पंजाब में सामने आया था।
सीमा सुरक्षा बल पाकिस्तान के साथ सीमा के 553 किलोमीटर के हिस्से की रक्षा कर रहा है। बीएसएफ ने इस साल 10 ड्रोन (पिछले सप्ताह में तीन) को गिराया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई समर्थित तस्कर हाईटेक चीनी ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं। ये न्यूनतम ध्वनि और उच्च स्तर पर उड़ान भरने में सक्षम हैं।
आतंकी प्रयोग कर रहे अत्याधुनिक तकनीक
देश की सुरक्षा एजेंसियों की माने तो आतंकी ड्रग व हथियारों की तस्करी में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें ट्रेस करने में भी काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। आरोपी अब वर्चुअल एप, डार्कनेट और पाकिस्तानी सिम का प्रयोग करते हैं। इससे उन्हें काबू करने में दिक्कत आती है। दूसरी तरफ पंजाब पुलिस ने भी अब रात के समय पूरे सूबे में हाईटेक नाके लगाने का फैसला लिया है। इसको लेकर उच्च अधिकारियों की मीटिंग में फैसला लिया जा चुका है।