केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर आया है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि राहुल गांधी की यात्रा कांग्रेस के अस्तित्व को बचाने की यात्रा है। कांग्रेस पूरे देश में अप्रासंगिक हो गई है और आने वाले कल में और हो जाएगी। मध्यप्रदेश और देश में उनकी यात्रा से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, उनकी यात्रा में कोई नहीं जुड़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी की नीतियां और विकास सर्वत्र छाया हुआ है।
देश में राष्ट्रवादी सरकार और राष्ट्रवादी नेतृत्व रहेगा। इसके साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर ने गुजरात में प्रचंड बहुमत से जीत का दावा किया है। नरेंद्र सिंह तोम ने उमंग सिंगार को लेकर कहा है कि कानून अपना काम करेगा। रेप जैसे गंभीर मामलों में बीजेपी की जहां सरकार रहती है, वहां कड़ी कार्रवाई करती है। इस मामले में भी कानून अपना काम करेगा। कानून की पकड़ से किसी को नहीं बचना चाहिए।
वहीं तोमर ने खाद की किल्लत पर कहा, खाद की कोई कमी नहीं है। जहां पर भी वितरण में अव्यवस्था है, उसे दुरुस्त किया जा रहा है। मैंने केमिकल और फर्टिलाइजर इंडस्ट्री से बात की है। जहां भी कमी है, वहां स्थिति सामान्य हो जाएगी। उनका दावा है कि देश में कहीं भी खाद की कमी नहीं है।
मध्यप्रदेश में अभी भी रासायनिक खाद का संकट जारी है। सीएम के आदेशों के बाद भी किसानों को खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जगह-जगह खाद के लिए किसानों को लंबी-लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। शिवपुरी जिले के बैराड़ में सोमवार को एक बार फिर किसानों ने खाद नहीं मिलने से परेशान होकर तहसील कार्यालय पर प्रदर्शन कर हंगामा किया।
वहीं, किसानों ने बैराड़ में खाद का वितरण कर रही समिति के कर्मचारियों पर खाद की कालाबाजारी का आरोप लगाया। किसानों ने इसकी शिकायत बैराड़ तहसीलदार प्रेमलता पाल को दर्ज कराते हुए बताया कि करीब 100 किसान यूरिया खाद के टोकन लेने के लिए सोमवार सुबह से बैराड़ तहसील कार्यालय पर बैठे थे। लेकिन समिति कर्मचारी द्वारा केवल 30-40 किसानों को खाद के टोकन बांट कर काउंटर बंद कर दिया। किसानों ने पूछा कि कितने टोकन बांटे गए हैं तो कर्मचारी द्वारा 100 टोकन बांटने की बात बताई गई। जबकि किसानों का आरोप है कि समिति कर्मचारियों द्वारा केवल 30-40 को खाद के टोकन बांटे गए हैं। किसानों ने समिति कर्मचारियों पर कालाबाजारी का आरोप लगाया है।
कई किसानों ने बताया कि उन्हें खाद नहीं मिल रहा है। वरिष्ठ अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। परेशान किसानों का कहना है कि कई घंटों की लाइन में लगना पड़ता है। इस कारण से उन्होंने अपने खाते की जमीन की किताब और आधार कार्ड लाइन में लगा दिए हैं, जिससे उनकी लाइन में उपस्थिति निश्चित हो सके। इस लाइन में कई महिला और बुजुर्ग किसान में लगे देखे गए। महिला किसान का कहना था कि वह सुबह से लाइन में लगी है, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रहा है।