पलक ने सत्र न्यायालय के आदेश को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जमानत भी मांगी थी, लेकिन राहत नहीं मिली। इसके बाद पलक के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दिया था। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। पलक पर आरोप है कि उसने भय्यू महाराज के साथ अश्लील वीडियो बनाए थे। वह भय्यू महाराज को ब्लैकमेल कर रही थी। इससे तंग आकर भय्यू महाराज ने खुद को गोली मारकर अपने फ्लैट में आत्महत्या कर ली थी। इस काम में पलक के साथ महाराज के सेवादार विनायक दुधाले और शरद देशमुख भी थे। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करने के बाद पलक और महाराज के बीच मोबाइल पर हुई चैटिंग भी जब्त की थी।
चार साल से जेल में है पलक
सुप्रीम कोर्ट में लगाए गए आवेदन में पलक ने कहा था कि उसे छह साल की सजा सुनाई गई है और वह चार साल से जेल में है और अपील भी लंबित है। इस वजह से उसे जमानत दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने आवेदन स्वीकारते हुए जमानत दे दी।
दवा के हाई डोज देते थे सेवादार
तीनों सेवादारों की प्रताड़ना से तंग होकर भय्यू महाराज तनाव में रहने लगे थे और उनका इलाज भी चल रहा था। डाक्टरों ने जो दवाएं लिखी थी। तीनों आरोपी एक डोज के स्थान पर तीन डोज देते थे और नशे में ही उन्होंने महाराज से सुसाइड नोट भी लिखवाया था। पुलिस ने जांच में यह भी पाया था कि बेहोशी की हालत में महाराज के वीडियो उनके सेवादारों ने बनाए थे। दरअसल, पलक महाराज के काफी करीब थी और वह महाराज से शादी करना चाहती थी, लेकिन महाराज ने आयुषी से विवाह कर लिया था। इससे पलक नाराज थी।
क्या है पूरा मामला
भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को खुद को गोली मार ली थी। राष्ट्रीय युवा संत के इस सुसाइड ने सभी को हैरान कर दिया था। वह भी ऐसे समय जब उन्होंने दूसरी शादी की ही थी। दो महीने तक तो पुलिस के पास कोई सुराग तक नहीं था। छह महीने बाद विनायक, पलक और शरद को गिरफ्तार किया गया। 28 जनवरी 2022 को सत्र न्यायालय ने इन तीनों को दोषी ठहराया और छह-छह साल की सजा सुनाई। पलक एवं अन्य ने इस फैसले के खिलाफ अपील की है। साथ ही जमानत याचिका भी लगाई थी। पलक को सुप्रीम कोर्ट से अब जाकर जमानत मिली है।