जम्मू कश्मीर में स्थानीय डेयरियों से आने वाले दूध को भी पहचान मिलेगी। जेएंडके मिल्क ब्रांड जल्द बाजारों में होगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसके बाद जेएंडके मिल्क स्थानीय बाजारों सहित देश के अन्य राज्यों में भी सप्लाई किया जाएगा। स्कॉस्ट जम्मू इस पर काम कर रहा है।
मौजूदा समय में 75 प्रतिशत तक दूध की आपूर्ति प्रदेश की स्थानीय डेयरियों के माध्यम से हो रही है। 25 फीसदी दूध ही पंजाब समेत अन्य राज्यों से पैकेट में बिकता है। अब दूध को ब्रांड देने की तैयारी है। इससे सबसे ज्यादा लाभ स्थानीय किसानों को मिलेगा। दूध को दुग्ध मंडियों में बेचा जा सकेगा। यहां से दूध की खरीद हो सकेगी। फैक्टरियों में जाने के बाद पैकेट बंद दूध लोगों को मिलेगा। इससे दूध की खपत बढ़ेगी। किसानों की भी आय ज्यादा होगी। ज्यादा लोग डेयरी सेक्टर से जुड़ सकेंगे और आर्थिकी को मजबूत कर सकेंगे।
स्कॉस्ट जम्मू के अनुसार पशुपालकों की आय को दोगुना करना है। अब दूध को जेएंडके मिल्क ब्रांड का नाम मिलने के बाद दूध की मांग बढ़ेगी। मौजूदा समय में पशुपालकों को दूध के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं। इससे दाम भी ज्यादा मिलेंगे। मौजूदा समय में ग्रामीण इलाकों में स्थानीय दूध का प्रयोग होता है। वहीं, शहरों में भी स्थानीय मंडियों के दूध की मांग ज्यादा रहती है। मांग के अनुरूप दूध उपलब्ध नहीं हो पाता है। ऐसे में लोग बाहरी राज्यों के दूध का प्रयोग करते हैं।
स्थानीय दूध का उत्पादन बढ़ाने पर काम जारी है। अब दूध को जेएंडके मिल्क का नाम मिलेगा। इससे प्रदेश और बाहरी राज्यों में दूध की आपूर्ति हो सकेगी। दूध को एक अलग पहचान मिल सकेगी। इस पर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। – प्रो. जेपी शर्मा, वीसी, स्कॉस्ट जम्मू।