पाकिस्तान की तरफ से आ रहे एक घुसपैठिए को आज सुबह 2:30 बजे जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास मार गिराया। उसे सैनिकों द्वारा चेतावनी दी गई थी लेकिन वह भारत की सीमा की ओर बढ़ता रहा। इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान जारी है। यह जानकारी बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
वहीं, दूसरी ओर, बीएसएफ के जवानों ने आज सुबह रामगढ़ सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद बाड़ लगाने के लिए पहुंचे एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को पकड़ लिया। उसके पास से कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। इलाके की तलाशी ली जा रही है।
सरहद पर घना कोहरा पड़ना शुरू हो गया है। इसकी आड़ में सीमा पार बैठे आतंकी घुसपैठ की ताक में हैं। अगला एक महीना सेना और बीएसएफ के लिए बड़ी चुनौती होगी। इस बीच खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि राजोरी और पुंछ जिलों की एलओसी के पार 9 जगहों पर शिविरों में आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। इसे देखते हुए दोनों जिलों की पुलिस, बीएसएफ और सेना की ओर से सीमांत गांवों के ग्रामीणों को विश्वास में लेकर सतर्क किया गया है। कहा गया है कि किसी भी संदिग्ध देखे जाने पर तुरंत पास में मौजूद किसी भी सुरक्षा एजेंसी के लोगों को जानकारी दें।
सूत्रों के अनुसार दोनों जिलों की एलओसी के पार पीओके में गोरे गुजरां, खुई रत्ती, सब्जाकोटी, समोली, भिंबर, निकयाल, हजीरा, तत्ता पानी, दोवराज में आतंकी शिविर हैं। यहां आतंकी घात लगाकर बैठे हुए हैं। यह आतंकी बैट हमला, फिदायीन हमला या किसी थाने या सैन्य प्रतिष्ठान पर ग्रेनेड हमला करने की ताक में हैं। खुफिया एजेंसियों की ओर से सेना, बीएसएफ और पुलिस को सूचित किया गया है। बता दें कि अभी तीन दिन पहले ही राजोरी जिले के नौशेरा कलाल इलाके में एलओसी पर आतंकियों की घुसपैठ का बड़ा प्रयास विफल किया गया है।
तकनीकी उपकरण मजबूत किए
सूत्रों का कहना है कि घने कोहरे में सर्च करने के लिए सेना की तरफ से आधुनिक सर्च लाइट का इस्तेमाल किया जाता है। इस बार सर्च लाइट की क्षमता को बढ़ाया गया है, ताकि यहां पहले अगर 10 फुट तक कोहरे में देखा जाता था तो अब 20 फुट तक भी देखा जा सके। जम्मू में सेना के प्रवक्ता का कहना है कि यूं तो 12 महीने ही जवान सतर्क रहते हैं, लेकिन निश्चित तौर पर घने कोहरे में कुछ चुनौती बढ़ जाती है, जिससे निपटने के लिए पूरी तैैयारी है। हालांकि उन्होंने कहा कि आतंकियों के घुसपैठ की कोई पुख्ता सूचना तो नहीं, लेकिन इससे निपटने के लिए तैयार हैं।