उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद के ब्लॉक कमालगंज के ग्रामीण क्षेत्र में फैला विचित्र बुखार थमने का नाम नहीं ले रहा है। भीखा नगला गांव में बुखार के कहर से एक ही रात में तीन लोगों को मौत हो गई। अस्पताल में इलाज करा रही बुखार से पीड़ित 60 वर्षीय महिला व 12 वर्षीय बालक समेत तीन लोगों की मौत दस घंटे में ही हो गई।
गांव गदनपुर, देवराजपुर गढ़िया, गंगाइय व नरायनपुर के बाद भीखा नगथा में भी बुखार ने पांव पसार लिए हैं। करीब 15 दिनों से भीखा नगला में घर-घर बुखार के पीड़ित मरीज हैं। शाम सात बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक 10 घंटे में ही अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा रही बुखार पीड़ित 60 वर्षीय शाकिरा बेगम, 45 वर्षीय नर्सरीन व 12 वर्षीय रिजवान की मौत हो गई।
नसरीन के पति अलाउद्दीन खां ने बताया कि करीब 4 दिन पूर्व पत्नी को बुखार आया था। इलाज के लिए पहले छिबरामऊ ले गए थे। वहां से फतेहगढ़ के एक नर्सिंग होम में ले जाकर इलाज कराया। तबीयत में सुधार आने पर पत्नी को उनके मायके जनपद कन्नौज के थाना छिबरामऊ क्षेत्र के गांव कपूरपुर ले गए थे। वहां शुक्रवार को फिर हालत बिगड़ गई तो सरकारी अस्पताल छिबरामऊ में भर्ती कराया। जहां शनिवार की शाम पत्नी ने दम तोड़ दिया।
शाकिरा पत्नी शकील खान के पुत्र अति खान ने बताया कि करीब 5 दिन पूर्व मां की हालत बिगड़ी थी। जिन्हें फतेहगढ़ स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। 4 दिन तक इलाज चलने के बाद शनिवार की रात करीब 3:00 बजे मां की मौत हो गई।
रिजवान के पिता कयूम बख्श ने बताया कि 4 दिन पूर्व पुत्र को बुखार आया था। पहले गुरसहायगंज में इलाज कराया। उसके बाद फर्रुखाबाद के मोहल्ला आवास विकास स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया। जहां रात हालत बिगड़ने पर कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया। रविवार को कानपुर ले जाने के दौरान सुबह 5:00 बजे पुत्र रिजवान की मौत हो गई। रविवार सुबह गांव में 3 घरों में एक साथ शव पहुंचने पर मातम छा गया।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आलम है कि तकरीबन हर घर में एक दो मरीज है 16 वर्षीय जुलेखा, 15 वर्षीय मुस्कान, 55 वर्षीय सितारा बेगम, 15 वर्षीय मराज, 22 वर्षीय नगमा, 15 वर्षीय रहीमा, 35 वर्षीय गुलजा बेगम व 45 वर्षीय सीन खान सहित बड़ी संख्या में लोग बुखार से पीड़ित हैं। अधिकांश लोग स्थानीय चिकित्सकों एवं फतेहगढ़ फर्रुखाबाद व गुरसहायगंज के अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।
पूर्व प्रधान शकील खान ने बताया कि अधिकांश बुखार पीड़ितों को सर्दी देकर बुखार आता है और शरीर में तेज दर्द होता है। जब चिकित्सक के पास ले जाओ तो प्लेटलेट्स डाउन एवं टीएलसी में गड़बड़ी बताई जाती है। हालांकि तीनों मृतकों के पास डेंगू से मौत होने की कोई प्रमाणिक रिपोर्ट नहीं है। लेकिन डेंगू से मौत होने की पूरी संभावना है।
गांव भीखा नगला में एक ही रात में तीन बुखार पीड़ितों की मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और सुबह स्वास्थ्य कर्मियों की टीम दवा लेकर गांव पहुंच गई। टीम के गांव पहुंचने पर मस्जिद से अनाउंस कराया गया कि प्राथमिक विद्यालय में टीम बैठी है बुखार पीड़ित वहां पहुंचकर दवाई ले लें। एसीएमओ डॉक्टर दलवीर सिंह ने बताया कि डॉक्टरों की टीम भीखा नगला में काम रही है। टीम की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।