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बिहार के नवादा में आत्महत्या करने वाले परिवार के मुखिया का मिला सुसाइड नोट, सूदखोरों को ठहराया जिम्मेदार

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नवादा शहर के गढ़पर मुहल्ले में बुधवार देर रात कर्ज से परेशान एक परिवार के पांच सदस्यों ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में पुलिस को परिवार के मुखिया का मार्मिक सुसाइड नोट लिखा है। इसमें छह सूदखोरों के नाम का खुलासा हुआ है।

सुसाइड नोट में परिवार के मुखिया केदारनाथ ने परेशानी का जिक्र करते हुए महाजनों के प्रताड़ना की चर्चा की है। दो पन्नों के नोट में कर्ज देने वाले छह लोगों के नाम का जिक्र करते हुए उन्हें देश-समाज का दीमक बताया है। केदार ने लिखा है उसने शहर के न्यू एरिया मोहल्ले के मनीष सिंह, विकास सिंह, विजय सिंह, टुनटुन सिंह खटाल, डॉ. पंकज सिन्हा और गढ़ पर मोहल्ला के रणजीत सिंह से कर्ज लिया था।

सुसाइड नोट में लिखा है कि पांच-छह साल से महाजन कर्ज के लिए परेशान कर रहे थे। कर्ज का दुगना-तिगुना ब्याज जमा कर चुके थे। फिर भी कर्ज खत्म नहीं हुआ। कर्ज चुकता करने को महाजनों से मोहलत मांग रहे थे लेकिन कर्जदाता कुछ भी सुनने-समझने को तैयार नहीं थे और पिछले पांच-छह वर्षों से लगातार प्रताड़ित कर रहे थे।

उसने लिखा है कि ब्याज नहीं देने की स्थिति में गाली गलौज करते थे, जिससे विवश होकर यह गलत कदम उठाना पड़ रहा है। साथ ही यह भी लिखा कि कर्ज देने वाले समाज के कीड़े हैं, जो समाज को बर्बाद कर रहे हैं। कर्ज देने वाले छह लोगों ने कई लोगों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। ऐसे दीमकों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

उल्लेखनीय है कि कर्ज से परेशान केदारनाथ सहित परिवार के छह सदस्यों ने जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिसमें घर के मुखिया 50 वर्षीय केदार लाल गुप्ता, 47 वर्षीय पत्नी अनिता कुमारी, 16 वर्षीय बेटा प्रिंस, 20 वर्षीय बेटी शबनम कुमारी, 17 वर्षीय बेटी गुड़िया कुमारी की मौत हो गई जबकि एक छोटे बेटे की हालत चिंताजनक बनी है। यह परिवार मूल रूप से रजौली के अम्मा गांव के रहने वाला था, जो लंबे समय से नवादा में किराए के मकान में रह रहा था। नवादा में इनका व्यापार था।

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