दुष्कर्म मामले में जेल में बंद मुरुघ मठ के प्रमुख शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुलिस ने बाबा के खिलाफ 694 पन्नों का चार्जशीट तैयार कियाजिसे अदालत को 27 अक्तूबर को सौंप दिया गया था। इस चार्जशीट में जो खुलासे हुए हैं वे हैरान करने वाले हैं। पुलिस के अनुसार शरणारू के बेडरूम तक ड्रग्स, शराब और नशीले पदार्थ सप्लाई किए जाते थे। इसके अलावा बेडरूम में नाबालिग लड़कियों को भेजा जाता था। बता दें कि दो नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के आरोप में मठ प्रमुख को एक सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
छात्राओं को फल और चौकलेट में नशे की गोलियां मिलाकर दी जाती थीं
ओडानाडी एनजीओ के निदेशक स्टैनली के अनुसार मठ द्वारा संचालित अक्का महादेवी छात्रावास की वार्डन रश्मि नाबालिग छात्राओं को रात 8 बजे के बाद बाबा के कमरे में भेजती थी, जहां पहले बाबा ने नाबालिग छात्रा को अनुचित तरीके से छूआ। इसके बाद छात्राओं ने विरोध किया तो बाबा ने उन्हें नशे से भरे हुए सेब और चौकलेट खाने के लिए दिए जिसके बाद ये छात्राएं बेहोश हो जाती थीं। फिर कथित तौर पर उनके साथ दुष्कर्म करते थे। सुबह जब ये पुनः छात्रावास जाती थीं तो इनकी नींद उड़ जाती थी। छात्राओं के शरीर के विभिन्न हिस्सों और निजी अंगों में तेज दर्द होता था।
छात्राओं के इनकार करने पर श्राप देने की देते थे धमकी
एसपी ने कहा कि खुद को भगवान का अवतार बताते हुए संत छात्राओं की सेवा करने से मना करने पर उन्हें शाप देने की धमकी देते थे। उसने उनसे कहा कि उसका श्राप उन्हें और उनके परिवारों को नष्ट कर देगा।
चार्जशीट में रहस्यमय परिस्थिति में छात्रा की मौत का भी जिक्र
एनजीओ के निदेशक स्टेनली ने कहा कि चार्जशीट में कर्नाटक-आंध्र प्रदेश सीमा पर रेलवे ट्रैक पर रहस्यमय परिस्थितियों में एक लड़की की मौत के संदेह का भी उल्लेख किया गया है। घटना से कुछ दिन पहले हॉस्टल की रहने वाली लड़की को मठ से दूर भेज दिया गया था।लड़की के पिता नेत्रहीन थे, इसलिए वह छात्रावास में रहती थी। अगर मठ लड़की की देखभाल नहीं कर सकता, तो उसे बाहर नहीं भेजा जा सकता। प्रक्रिया का पालन किए बिना उसे घर भेज दिया गया और सीडब्ल्यूसी ने उल्लंघन को चिह्नित नहीं किया। इसकी जांच की जरूरत है। चित्रदुर्ग पुलिस ने कहा कि लड़की की मौत को अप्राकृतिक के रूप में दर्ज किया गया था और मामले को रेलवे पुलिस ने बंद कर दिया था। हमने पाया कि हिंदूपुर रेलवे पुलिस में एक यूडीआर दर्ज था, जिसमें कहा गया था कि एक लड़की ट्रेन से गिर गई और उसकी मौत हो गई। जांच के बाद, यह एक आकस्मिक मृत्यु पाई गई और मामला बंद कर दिया गया।
सरकार संभाल सकती है मुरुघ मठ की बागडोर
सरकार मुरुघ मठ की बागडोर संभालने की योजना बना रही है। राज्य प्रशासक नियुक्त करने पर विचार कर रहा है। शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू को मठ के प्रमुख के पद से हटाने के बढ़ते दबाव के बीच मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हमने डीसी से एक रिपोर्ट मांगी है, रिपोर्ट को देखने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
क्या है मामला?
दरअसल, शिवमूर्ति शरणारू समेत पांच व्यक्तियों पर हाईस्कूल की दो छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी की शिकायत के आधार पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। नाबालिग लड़कियों ने पहले मैसूरू के उक्त एनजीओ से संपर्क किया था और काउंसलिंग के दौरान अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी दी थी।