विमानन कंपनियों ने सरकार की ओर से किराये की उच्चतम सीमा हटाने के बाद तेजी से बढ़ोतरी शुरू कर दी है। सितंबर के मुकाबले इस साल दिसंबर में यात्रा के लिए कंपनियां कुछ महत्वपूर्ण मार्ग पर दोगुना तक ज्यादा किराया ले रही हैं। जबकि, दूसरी ओर विमानों की कमी से उड़ानों की संख्या घटने से यात्री पहले से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू यात्रियों को दिसंबर यात्रा सीजन में हवाई किराये राहत मिलने की उम्मीद कम है। क्लियरट्रिप के प्रवक्ता ने कहा कि सर्दियों और नए साल की छुट्टियों के दौरान अक्टूबर और दिसंबर के बीच हवाई किराया उच्चतम स्तर पर होता है। उन्होंने कहा कि इस साल कीमतें अधिक मांग से प्रभावित हुई हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद अपनी छुट्टी की योजना बना रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई टिकट महंगा होने की एक प्रमुख वजह विमानों की कमी है, जिनमें से कुछ रखरखाव और इंजन से संबंधित मुद्दों के कारण बंद हो गए हैं।
कहां का किराया कितना बढ़ा
ऑनलाइन ट्रैवल ऑपरेटर ईजीगो की वेबसाइट के मुताबिक 21 से 31 दिसंबर के बीच यात्रा के लिए नई दिल्ली-मुंबई मार्ग पर किराया सितंबर में 5,500 रुपये और मई में नौ हजार रुपये के मुकाबले दिसंबर के लिए बढ़कर 15 से 20 हजार रुपये हो गया है। यानी इस मार्ग पर किराया में करीब दोगुना वृद्धि हुई है। नई दिल्ली-गोवा मार्ग पर 40 प्रतिशत और नई दिल्ली-बेंगलुरु मार्ग पर कीमतों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं बेंगलुरु-कोलकाता मार्ग पर किराया में 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
विमानों की संख्या घटी
विमानन सलाहकार कंपनी सीएपीए के अनुसार 75 से अधिक विमान या लगभग 10-12 प्रतिशत बेड़े को रोक दिया गया है जो पहले से ही प्रतिकूल लागत वाले माहौल के बीच भारतीय एयरलाइंस के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। सीएपीए का कहना है कि एयरलाइन की क्षमता आपूर्ति शृंखला में गंभीर संकट से प्रभावित हुई है। संस्था ने यह भी कहा है कि यह संकट अगले वित्त वित्त वर्ष में देखने को मिल सकता है। इससे यात्रियों के साथ विमान कंपनियों के लिए भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।