केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार बहुआयामी दृष्टिकोण ने 2017 से जम्मू-कश्मीर में आतंकी घुसपैठ को कम करने में मदद की है और वर्ष 2021 में ऐसे प्रयासों की संख्या घटकर 73 रह गई। रिपोर्ट के अनुसार 2017 में घुसपैठ की 419 घटनाएं हुईं जिसमें 136 आतंकी इस पार आने में सफल रहे। यह आंकड़ा घटकर 73 रह गया जिसमें 34 आतंकियों के घाटी में घुसपैठ करने की आशंका है।
युवाओं को आतंकवाद से दूर करने के लिए रोजगार के अवसर दिए
यानी चार साल में घुसपैठ की कोशिशें एक साल में घटकर एक चौथाई से भी कम रह गईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने युवाओं को आतंकवाद से दूर करने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने सहित युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए नीतियों को प्रोत्साहित करने के अलावा, शांति भंग करने के लिए आतंकवादियों के प्रयासों और क्षमताओं को बेअसर करने के लिए विभिन्न उपायों को अपनाया है।
सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया
मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक की गई 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ मिलकर सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है। इसमें सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, अंतरराष्ट्रीय सीमा, नियंत्रण रेखा और लगातार बदलते घुसपैठ मार्गों के पास बहुस्तरीय तैनाती, सीमा पर बाड़ के निर्माण और रखरखाव तथा नालों पर पुलियों और पुलों का निर्माण शामिल है।
बेहतर तकनीकि से मिली सफलता
रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर तकनीक, हथियार और उपकरण बेहतर खुफिया और अभियान समन्वय, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फ्लड लाइट लगाए जाने और घुसपैठ को रोकने के लिए खुफिया प्रवाह के तालमेल तथा केंद्र शासित प्रदेश के भीतर आतंकवादियों के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई से सुरक्षाबलों के प्रयासों को मदद मिली।