शास्त्री पुल से गुजरने वाले हजारों लोगों को रोजाना जाम की चुनौती से जूझना पड़ रहा है। खास यह कि रोडवेज की बसों का मार्ग तो बदल दिया गया है लेकिन प्राइवेट बसों का आवागमन बेरोकटोक जारी रहा। जाम में फंसे लोगों का यही कहना था कि ‘डीएम साहब! कांवड़ यात्रा के दौरान जो व्यवस्था थी उसे ही लागू कर देते।’ शास्त्री पुल पर मरम्मत कार्य चलने की वजह से एक लेन में आवागमन प्रभावित है। खास यह कि सावन महीने में कांवड़ यात्रा के लिए एक लेन पर आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित था। इसके बावजूद इस कदर जाम नहीं लगा था।
इससे यातायात व्यवस्था को लेकर लोगों में नाराजगी है। गौर करने वाली बात यह भी है कि लोगों की समस्या को देखते हुए प्रशासन की ओर से कुछ निर्देश जारी किए गए हैं लेकिन उन पर भी अमल होता नहीं दिखा। इसके तहत बसों का रूट बदल दिया गया है। शास्त्री पुल के बजाय अब बसें फाफामऊ से जाएंगी। डीएम के इस आदेश पर रोडवेज की बसों का मार्ग तो बदल दिया गया लेकिन निजी बसों का शास्त्री पुल पर आवागमन देर शाम तक जारी रहा। इससे जाम की समस्या बनी रही।
जाम से निजात के लिए बसों को डायवर्ट करने के साथ कई अन्य निर्देश भी दिए गए हैं। इसके तहत मरम्मत वाले लेन पर दो पहिया वाहनों का आवागमन होता रहेगा। चूंकि लेपन के लिए बुधवार की सुबह तारकोल सड़क पर फैला दिया गया थ। इसकी वजह से लोगों के वाहन एवं पैर उसमें चिपकने लगे थे। इससे दुर्घटना की भी आशंका बन गई थी। इसे देखते हुए लेपन का काम सिर्फ रात में ही करने का आदेश दिया गया है। दिन में लेपन कार्य नहीं होगा।
कांवड़ यात्रा की तरह एक लेन पर आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की जरूरत नहीं है। चार-पांच दिनों में ही एक लेन का काम पूरा हो जाएगा। मरम्मत कार्य के बीच दो पहिया वाहनों का आवागमन हो सकता है। इसकी छूट भी दे दी गई है। बसों का रूट बदलने का भी निर्देश दिया गया है। अन्य जरूरी कदम भी उठाए गए हैं। अब बहुत जाम नहीं लगना चाहिए। – संजय कुमार खत्री, डीएम