भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने भगोड़े उद्योगपति मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को प्रतिभूति बाजार से 10 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है और पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।सेबी की तरफ से यह कार्रवाई गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के शेयरों में धोखाधड़ी के कारोबार में शामिल होने को लेकर की गई है।
बाजार नियामक के सोमवार को जारी आदेश के अनुसार, चोकसी को 45 दिन में जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है। चोकसी गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक होने के साथ कंपनी के प्रवर्तक समूह का हिस्सा थे। चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
वर्ष 2018 की शुरुआत में पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद चोकसी और मोदी दोनों भारत से भाग गए। चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा में होने का दावा किया जाता है। मोदी एक ब्रिटिश जेल में बंद है और उसने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को चुनौती दी है। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने अपने 20 पृष्ठ के आदेश में कहा, ”चोकसी ने धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध (पीएफयूटीपी) विनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।’’ इसी वजह से चोकसी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी तरह से प्रतिभूतियों में लेनदेन या अन्यथा व्यवहार करने से रोक दिया है। साथ ही दस साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है और पांच करोड़ का जुर्माना भरने के लिए कहा है।
इस साल फरवरी में सेबी ने चोकसी को एक साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था और गीतांजलि जेम्स के मामले में भेदिया कारोबार के नियमों का उल्लंघन करने के लिए 1.5 करोड़ रुपये का भी जुर्माना लगाया था।