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क्या है ‘डिजिटल रुपया और इससे लोगों को कितना होगा फायदा? क्या ई-रुपया पर ब्याज भी मिलेगा?

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) केंद्रीय बैंक खुदरा ग्राहकों के लिए डिजिटल मुद्रा ‘डिजिटल रुपया’ का पायलट परीक्षण एक माह के भीतर शुरू कर सकता है। आरबीआई ने एक बयान में इस बात की जानकारी दी है। आइए जानते हैं डिजिटल रुपया क्या है और इससे ग्राहकों को क्या-क्या फायदा मिलेगा…

क्या है इसका फायदा

  • एक केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा देश की मुख्य मुद्रा का डिजिटल रूप है
  • इसे केंद्रीय बैंक द्वारा जारी और विनियमित किया जाता है
  • सीबीडीसी से वित्तीय समावेशन के साथ भुगतान दक्षता बढ़ती है
  •  आपराधिक गतिविधि रोकती है, अंतरराष्ट्रीय भुगतान विकल्पों में सुधार करती है
  • संभावित रूप से शुद्ध लेनदेन
  • लागत को कम करती है ।

धन भेजने का खर्च घटेगा
विश्व बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7 से अधिक का शुल्क चुकाना पड़ता है, जबकि डिजिटल करेंसी के आने से इस मद में 2 तक की कमी आएगी।

बिना इंटरनेट केभी लेनदेन

करंसी विशेषज्ञों के मुताबिक ई-रुपया टोकन आधारित होगा। इसका मतलब यह है कि आप जिस व्यक्ति को पैसे भेजना चाहते हैं, उसकी पब्लिक ‘की’ के जरिये भेज सकते हैं। यह एक ईमेल आईडी जैसा हो सकता है। आपको पैसे भेजने के लिए पासवर्ड डालना होगा। ई- रुपया बिना इंटरनेट के भी काम करेगा। हालांकि, इस पर विस्तार से जानकारी आनी बाकी है।

क्या ब्याज भी मिलेगा

आरबीआई के मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक ई-रुपया पर कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने इसकी वजह बताते हुए कहा है कि अगर यह कदम उठाया जाता है यानी इसपर ब्याज दिया जाता है तो बड़ी संख्या में लोग पैसे निकालकर बैंकों से ई-रुपया में बदलने में जुट सकते हैं। इससे मुद्रा बाजार में अस्थिरता आ सकती है।

यह देश अपना चुके हैं क्रिप्टोकरंसी

केंद्रीय बैंक की तरफ से डिजिटल मुद्रा जारी करने वाला भारत पहला देश होगा। इसके पहले दुबई (यूएई) , रूस, स्वीडन, जापान, एस्तोनिया और वेनेजुएला जैसे देश खुद की क्रिप्टोकरंसी लॉन्च कर चुके हैं।

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