Search
Close this search box.

जीवन के दोषों को समाप्त करना ही ज्ञान : अतुल कृष्ण भारद्वाज

Share:

कथावाचक अतुल कृष भारद्वाज

प्रसिद्ध रामकथा वाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि जीवन के दोषों को समाप्त करने को ज्ञान कहते हैं। नीर, क्षीर और विवेक की पहचान करने वाला ही गुणी होता है। एकता एकात्मता का सिद्धांत भारतीय संस्कृति का प्राण है। वाणी, चिंतन और कर्म के बल पर परमात्मा की अनुभूति करते हुए आप हर संकट से पार हो जाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘दीपोत्सव : पंच प्रण’ के दूसरे दिन शुक्रवार को विकसित भारत विषय पर व्याख्यान हुआ। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, रामकथा वाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज, हिन्दुस्थान समाचार के अध्यक्ष अरविंद भालचंद्र मार्डिकर और आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद ने दीप प्रज्ज्वलित से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अरविंद भालचंद्र मार्डिकर ने स्वागत वक्तव्य दिया।

विशिष्ट अतिथि अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए पंच प्रण पंच महाभूत है। एकता एकात्मकता का सिद्धांत भारतीय संस्कृति का प्राण है, उसे वैज्ञानिकों ने गॉड पार्टिकल के रूप में सिद्ध किया। भारतीय वैज्ञानिकों ने पहले ही कहा है कि जड़ और चेतन दोनों में परमात्मा है। जिसकी सत्ता होती है वह सत्य है। एकता एकात्मता को जानने के लिए सत्य को जानना होगा और राम नाम ही सत्य है। जो जड़ में से चेतन को प्रकट कर दें, वही सत्य है।

अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि प्रत्येक कण में परमात्मा को देंखे, तब पंच प्रण की शुरूआत होगी। परमात्मा ने सबसे सुंदर देश भारत बनाया है। भारत में छह ऋतुएं हैं। प्रत्येक संस्कृति के व्यक्ति को अपनी जलवायु के अनुसार जीवन यापन करना चाहिए। आसुरी विद्याएं तोड़ने और दैवीय विद्याएं जोड़ने का काम करती है। सबके सुख की कामना करने से ही विकसित भारत कहलाएगा। तभी भारत विश्वगुरु बनेगा। भारत अपनी विद्याओं के आधार पर विकसित होगा। डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हमें एक बार फिर से भारत को जानना और पहचानना होगा। विकास की अवधारणा को जानना होगा। शहरों पे शहर बनाना नहीं, बल्कि गांवों की ओर लौटना होगा। हमें अपने विकास के मानकों को देखना होगा, तभी विकसित भारत की अवधारणा सिद्ध होगी। कार्यक्रम में महात्मा गांधी हिन्दी विवि वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल, जितेंद्र तिवारी, राजेश तिवारी आदि उपस्थित रहे।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news