अलवर जिले के भिवाड़ी (Bhiwadi) से तीन बच्चों का अपहरण फिरौती की नीयत से किया गया था. फिरौती की रकम न मिलने पर और बच्चों को संभाल न पाने पर अपहरणकर्ताओं (Kidnappers) ने तीनों बच्चों को गला दबा दिया. इससे दो बच्चों की मौत हो गई, लेकिन इनमें से एक बच्चा बच गया. आज पुलिस के द्वारा दोनों बच्चों के शव का मेडिकल बोर्ड से दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है. पोस्टमार्टम के बाद देर शाम तक मृतकों के शव भिवाड़ी पहुंचेंगे, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा. बाल सुधार गृह से कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद जीवित मिले शिवा को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है.
पुलिस के अनुसार आरोपी महावीर और मांजा कुमार दोनों मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. दोनों ही गांजा और शराब के आदी थे. आरोपियों ने बिहार में जमीन खरीदी थी, उसका कर्ज करीब 8 लाख रुपए चुकाने के लिए आरोपियों ने 15 अक्टूबर को तीनों बच्चों को किडनैप कर लिया था. आरोपी मृतकों के पिता के साथ उठते- बैठते थे. एक ही कॉलोनी में पड़ोसी के नाते बच्चे भी इन दोनों को जानते थे. इसीलिए बच्चे आरोपियों के बहकावे में आ गए.
पुलिस के मुताबिक 15 अक्टूबर को तीनों बच्चों को झांसे में लेकर वे भिवाड़ी से धारुहेड़ा लेकर गए और वहां से एक इको वैन किराए पर लेकर दिल्ली की ओर चले गए. इको वैन से दोनों गुड़गांव के इफ्को चौक मेट्रो स्टेशन पहुंचे. वहां से मेट्रो में दिल्ली के रोहिणी स्टेशन पर उतरकर बच्चों को यमुनापार स्थित घने जंगल में ले गए. रात होने पर बच्चे रोने लगे और घर जाने की जिद करने लगे. इस दौरान अमन भागने लगा तो आरोपियों ने उसे पकड़कर मार दिया. इससे आरोपी घबरा गए और एक के बाद एक तीनों बच्चों को गला दबा दिया. गनीमत रही सबसे छोटा शिवा बच गया.
- पुलिस ने फोन की लोकेशन के आधार पर किया ट्रैस
एडिसनल एसपी विपिन शर्मा ने बताया कि भिवाड़ी की सांथलका की लेबर कॉलोनी में रहने वाले ज्ञान सिंह ने 15 अक्टूबर को तीन बच्चों अमन (12) , विपिन (8) और शिवा की गुमशुदगी की सूचना दी थी. इसके बाद 17 अक्टूबर को ज्ञान के छोटे भाई राधा कृष्ण के पास फिरौती का फोन आया तो आरोपियों को ट्रैस किया. हत्या करने वाले 2 आरोपियों महावीर और मंजा कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. तीसरा बच्चा शिवा सकुशल मिल गया है.