कथक की पारंपरिक बंदिशों पर छंदबद्ध थिरकन और भरतनाट्यम नृत्य पर भावों-इशारों की लोच ने बुधवार की रात संगम के शहर में सबको सुरों में ला दिया। दर्शक दीर्घा में बैठे संगीत रसिक कलाकारों का साथ निभाते, गुनगुनाते नजर आए। पांवों की थिरकन के साथ गीतों-गजलों की यह सुरमई माला अमर उजाला शुभ लाभ कार्निवाल की चौथी संगीत निशा में पिरोई गई।
जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने दीपजलाकर संगीत निशा का उद्घाटन किया। इसके बाद शुरुआत दक्षिण भारतीय नृत्य की भरतनाट्यम शैली में नटराज की स्तुति से हुई।प्रसिद्ध नृत्यांगना सरोज धींगरा की शिष्या वैदेही चौधरी ने पुष्पांजलि के बाद भावपूर्ण भरतनाट्यम में देवी स्तुति से हर किसी का ध्यान खींचा। इसी के साथ संगीत संध्या परवान चढ़ गई। इनके बाद बारी आई गजल गायक भूपेंद्र शुक्ला की।
उन्होंने गजल सम्राट जगजीत सिंह की गाई गजल तेरे आने की जब खबर महके से आगाज किया। इसके बाद आपके दिल में क्या है बता दीजिए…और न जी भर के देखा न कुछ बात की… को सुरों से सजाकर उन्होंने वाहवाही बटोरी। तुम मुझे यूं भुला न पाओगे… पल पल दिल के पास तुम रहती हो… की प्रस्तुतियों से उन्होंने छाप छोड़ दी। इनके बाद सान्वी सपना फिर भरत नाट्यम नृत्य लेकर आईं।
उन्होंने नटराज की भावपूर्ण थिरकन से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। फिर बारी आई स्मति शांगलू की। उन्होंने एक से बढ़कर एक गीतों से लोगों को अपना कायल बनाया। इनकेबाद कोरस ग्रुप के राजेश श्रीवास्तव ने गीत की प्रस्तुति से तालियां बटोरीं। इसी क्रम में कथक केंद्र की नृत्यांगना रोशनी कुशवाहा ने अपनी भावपूर्ण थिरकन से सबका दिल जीत लिया।
नन्हे कलाकारों ने तो अपने अंदाज और हुनर से मंच लूट लिया। छवि, हर्षिता और प्रभव दुबे के नृत्य के बाद सात साल की दिव्यांग बेटी गुनगुन ने रवींद्र जैन के स्वरों में रामायण की चौपाइयों को सुरों से सजाकर मंत्रमुग्ध किया। कोलकाता से आए रतन सिंह के गायन के अलावा मनु श्रीवास्तव और हनी पांडेय के रैंप डांस, रोमा, शिनाया के गायन को सराहा गया। संचालन संजय पुरुषार्थी और सौरभ ने किया।
शान की सवारियों का क्रेज,कैमल सफारी सबकी पसंद
प्रयागराज। अमर उजाला शॉपिंग कार्निवाल में कैमल सफारी और बग्घी की सवारी सबकी पसंद बन गई है। ऊंट-घोड़े, बग्घी की सवारी कर लोगों के चेहरे पर मुस्कान तैर रही है। अखबार में प्रकाशित कूपन दिखाकर ऊंट-घोड़े की सवारी करने का मौका कोई हाथ से नहीं जाने देना चाहता। बुधवार की शाम कूपन दिखाकर लोगों ने परिवार के साथ कार्निवाल में खूब सैर की। ध्यान रखें, अगर आप अमर उजाला के पाठक हैं तो यहां घर से आते समय कूपन साथ लाना न भूलें।
आगे बढ़ा दवा से दुआ तक का सफर
दवा से दुआ तक का सफर बुधवार को आगे बढ़ गया। लोग अपने घरों से दवा लेकर कार्निवाल में बने बॉक्स में जमा करने पहुंचे। इस दवा बॉक्स में कोई भी अपने घर में बेकार पड़ी दवाएं दान कर सकता हैं।
भरने लगा नेकी का खजाना
प्रयागराज। नेकी का खजाना भरने लगा है। कार्निवाल के चौथे दिन लोग अपने घरों से कपड़े और जरूरत के अन्य सामान लेकर जमा करने के लिए पहुंच रहे थे। आप भी अपने पुराने लंच बॉक्स, पानी बोतलें, खिलौने, जूते-चप्पल, इस्तेमाल न किए जाने वाले मोबाइल समेत अन्य वस्तुएं जरूरतमंदों, गरीबों, बेसहारों के लिए दान कर सकते हैं।
दुखों से उबरे लोगों को अमर उजाला ने दिया खुश होने का मौका: डीएम
जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने बुधवार की शाम कार्निवाल को दीपोत्सव से पहले खुशियों की बड़ी सौगात बताया। उन्होंने कहा कि अमर कोरोना काल की दो साल की पीड़ा के बाद उजाला ने शहर के लोगों को खुश होने का मौका देकर सबका दिल जीत लिया है। उन्होंने बच्चों की सवारियों की तारीफ की। कहा कि इस कार्निवाल की वजह से दिवाली बेहद खुशनुमा और खास बन गई है। उन्होंने हर दिन संगीत संध्या में एक के बढ़कर एक कलाकारों की प्रस्तुतियों को सराहा।
कार्निवाल में आज
रत्नेश मिश्र का भजन, पूर्णिमा जायसवाल-कथक नृत्य, पीयूष टंडन का गायन, अंशुला सिंह का गायन, आख्या का कथक नृत्य, रवि इलाहाबादी की मिमिक्री, डॉ. मिनाक्षी का कथक नृत्य, दुर्गेश मिश्र का गायन।
अमर उजाला शुभ लाभ कार्निवाल के सहयोगी:
मुख्य प्रायोजक- पान पारस कायम, हॉस्पीटेलिटी पार्टनर -होटल रबिशा कांटिनेंटल, क्रैकर शो पार्टनर- कादिर भाई, फूड पार्टनर -भगवान दास प्रह्लाद दास एंड संस, एसोसिएट स्पांसर- एमपी बिरला सीमेंट, इंडियन ऑयल और मारुति डेंटल।