राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर भी चर्चा हुई है। इसके लिए पेड़ लगाओ, पानी बचाओ और प्लास्टिक हटाओ की मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने ले जाने के उपायों पर चर्चा की गई। इस अभियान में अन्य सामाजिक संगठनों का सहयोग लेने पर भी सहमति बनी। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के कार्य को तेज गति से बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रयासों की समीक्षा करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि पेड़ों के संरक्षण के लिए पानी का दुरुपयोग रोकने के लिए और प्लास्टिक निर्मित वस्तुओं का कम से कम उपयोग करने के लिए समाज जागरण की आवश्यकता है। समय रहते अगर पर्यावरण संरक्षण के प्रति हम सचेत नहीं हुए तो समाज को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
क्या है पर्यावरण संरक्षण गतिविधि
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छह गतिविधियां हैं, उनमें एक पर्यावरण संरक्षण गतिविधि भी है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के माध्यम से संघ पर्यावरण मे सुधार के लिए काम करता है। इस गतिविधि का उद्देश्य समाज में जागरुकता निर्माण के माध्यम से पर्यावरण का संरक्षण करना है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि प्रमुख रूप से पेड़ लगाओ पानी बचाओ और पॉलिथीन हटाओ के विषय को लेकर देशभर में काम कर रही है।
प्रयागराज के गौहनिया स्थित जयपुरिया स्कूल के वात्सल्य परिसर में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का आज तीसरा दिन है। बैठक का समापन 19 अक्टूबर को होगा। बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले बुधवार को प्रेस को संबोधित करेंगे। पहली बार कार्यकारी मंडल की बैठक 4 दिन की हो रही है। संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसलिए शताब्दी वर्ष के निमित्त विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिए कार्यकारी मंडल की बैठक 4 दिन की रखी गई है।