स्मार्ट सिटी कानपुर में कमिश्नरेट पुलिस भी हाइटेक होती जा रही है। कमिश्नरेट पुलिस ने लोगों की सहायता के लिए चौराहों पर ऐसा आपातकालीन बॉक्स लगाया है जिसकी बटन दबाते ही लोग कंट्रोल रुम से सीधे जुड़ जाएंगे। कंट्रोल रुम में बटन दबाने वाले व्यक्ति की फोटो भी दिखेगी और स्पीकर के जरिये उससे पूछा जाएगा कि आपको किस प्रकार की सहायता चाहिये। बात खत्म होते ही फौरन व्यक्ति की समस्यानुसार कमिश्नरेट पुलिस मदद करेगी।
लोगों में सुरक्षा का भाव हो इसके लिए कमिश्नरेट पुलिस लगातार पहल कर रही है। इसके तहत तकनीक का भी भरपूर प्रयोग किया जा रहा है। तकनीक के जरिये अब चौराहों पर ऐसे आपातकालीन बॉक्स लगाये जा रहे हैं जिसमें पैनिक बटन भी लगा हुआ है। किसी व्यक्ति को किसी भी समय खासकर रात्रि के समय अगर किसी प्रकार की परेशानी होती है तो चौराहे पर जाकर पैनिक बटन दबाये। पैनिक बटन दबाते हुए कंट्रोल रुम में सहायता मांगने वाले की फोटो पहुंच जाएगी। इसके बाद बगल में लगे स्पीकर के जरिये कंट्रोल रुम बटन दबाने वाले व्यक्ति से पूछेगा कि किस प्रकार की सहायता चाहिये। व्यक्ति की समस्यानुसार फौरन कमिश्नरेट पुलिस मदद पहुंचाएगी।
21 स्थानों पर लगे बॉक्स
डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मूति ने बताया कि अक्सर देखा जाता है कि रात के समय किसी की गाड़ी खराब हो जाती है। या किसी को कोई साधन घर पहुंचने तक नहीं मिल पा रहा है। या उसे किसी प्रकार का खतरा समझ में आ रहा है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए फिलहाल अभी कानपुर शहर के 21 स्थानों पर एसओएस बॉक्स लगवाए गए हैं। आपात स्थिति में कोई भी शख्स बॉक्स में लगे पैनिक बटन दबाकर मदद ले सकता है। यह बॉक्स महिलाओं और युवतियों के लिए विशेषतौर से मददगार साबित होगा।
फौरन पहुंचेगी पुलिस
डीसीपी ने बताया कि शहर को स्मार्ट बनाने की दिशा में जहां चौराहों को स्मार्ट बनाया गया है। वहीं, सुरक्षा का ध्यान भी रखा जा रहा है। चौराहों पर लाइट के पोल के साथ-साथ एक अलग सा पोल लगाया गया है, जिस पर पैनिक बटन फिट किया गया है। सहायता के लिए इस बटन का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है। इसका कंट्रोल रूम इंटीग्रेटिड कमांड कंट्रोल सेंटर में बनाया गया है। यदि कोई व्यक्ति आपातकालीन स्थिति में पैनिक बटन का इस्तेमाल करता है तो कंट्रोल रूम में अलार्म बजेगा। पैनिक बटन के साथ ही कैमरा लगा हुआ है, जिसमें सहायता मांगने वाले की फोटो आ जाएगी। वहीं, बॉक्स पर स्पीकर भी है, जिसमें कंट्रोल रूम से बातचीत की जाएगी। इससे सहायता मांगने का कारण पूछते हुए उसकी मदद की जाएगी। आपात स्थिति में पुलिस तत्कील मौके पर पहुंचे यह सुनिश्चित किया जाएगा। वहीं मदद मांगने वाले व्यक्ति को यदि घर तक जाना है तो उसे पुलिस घर तक छोड़ेगी।
