शहर में बारिश के बाद अब कई स्थानों पर संक्रामक रोग बढ़ रहे हैं। लोग बुखार, डायरिया, मलेरिया समेत अन्य रोगों से ग्रसित हो रहे हैं। इतना ही नहीं, लोग डेंगू से भी संक्रमित हो रहे हैं। सुरेन्द्र नगर में संक्रमण से एक बच्चे की जान चली गई। दो बच्चों समेत आठ नये डेंगू के मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सकते में हैं।
कानपुर के उर्सला अस्पताल एवं हैलट में संक्रामक रोगों से पीड़ित मरीजों का उपचार किया जा रहा है। जबकि पड़ोसी जिले से आए 67 मरीजों का उपचार चल रहा है। शहर के रावतपुर मोहल्ले में डेंगू बुखार फैलने से लोग दहशत में है। इस तरह अबतक कुल 129 लोगों के अतिरिक्त 5 नए डेंगू के मरीज आए हैं।
नगर में नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है, जिसके चलते पूरे क्षेत्र में संक्रामक रोग तेजी से फैल रहे हैं। मलेरिया, डायरिया, टाइफाइड, बुखार, सर्दी-जुकाम से लोग परेशान हैं। डायरिया की जद में आने से 12 वर्षीय अभय सिंह की जान चली गई। अभय के पिता बदन सिंह को बुखार की वजह से एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका उपचार जारी है। क्षेत्र के लगभग दो दर्जन से अधिक लोग डायरिया से पीड़ित हैं।
इसी तरह बिठूर क्षेत्र के चौबीपुर के पारा प्रतापपुर में गंदगी और कीचड़ के चलते संक्रामक रोग तेजी से फैल रहे हैं। इस गांव में डायरिया, उल्टी, बुखार से 27 बच्चे एक साथ बीमार हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग वहां शिविर लगाकर संक्रमित बच्चों की जांच कर और दवाई का वितरण कर रहा है।
बुखार से पीड़ित मरीजों की जांच गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज के माइक्रोबाॅयोलाजी विभाग में कराई गई, जिसमें पांच वर्षीय अभि, समीर जायसवाल 8वर्ष, चित्ररेखा 57वर्ष की जांच में डेंगू की पुष्टि भी हो चुकी है। नगर के उर्सला अस्पताल में डेंगू के पांच नये मरीज सामने आए हैं जिसमें फतेहपुर के विपुन गुप्ता, राणा विजय, हर्ष शिवहरे, भौंती के अजय और जूही के संतोश कुमार की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई हैं।
गौरतलब है कि गत दिवस मेडिकल कालेज की छात्रा पाखी की स्वाइन फ्लू की वजह से जान चली गई। हालांकि बुधवार रात हैलट में भर्ती रामादेवी की स्वाइन फ्लू रोगी चित्ररेखा की जांच में डेंगू की भी शिकायत मिली है। हैलट के एसआईसी प्रो. आरके मौर्या ने बताया कि वार्ड 10 के साथ ही हैलट इमरजेंसी में किट उपलब्ध करा दी गई है।