राजनीतिक ऊंचाइयों को छूने वाले देश के रक्षामंत्री और यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के दिल में गाजीपुर बसता था। पूर्वांचल में मुलायम की प्राथमिकता के जिलों में गाजीपुर शामिल था। उन्होंने राजनीतिक पारियों में गाजीपुर को सहेजे रखा और हर दिल में अपनी पैठ बनाई। सरकार के अलावा पार्टी में भी मुलायम सिंह यादव को बेहद साहसिक सियासी फैसलों के लिए भी जाना जाता है। इसका उदाहरण गाजीपुर के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अक्सर देखने को मिला, जिसने कार्यकर्ताओं के दिल में मुलायम को मजबूत कर गाजीपुर को समाजवादी गढ़ बना दिया। जमानियां से विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि गाजीपुर आजादी के बाद से कम्युनिष्टों की विचार धारा का जिला रहा या दूसरे शब्दों में कहें कि बागियों की धरती। आसपास की सीमाएं बिहार से जुड़ी थी तो पड़ोंसी जनपदों में भी कम्युनिष्टों का प्रभाव था। 80 के दशक में कांग्रेसियों ने इस जिले को अपना गढ़ बनाया और फिर कई पारियों में चुनाव जीतकर परचम लहराया। इसके साथ पूर्वांचल में ‘नेताजी’ की सक्रियता बढ़ी और 90 के दशक में मुलायम सिंह ने गाजीपुर में खासा दखल दिया और फिर गाजीपुर में समाजवादी विचारधारा का प्रवाह तेज हुआ। कम्युनिष्टों और कांग्रेसियों का गढ़ समाजवादियों का मजबूत स्तंभ बन गया। इसके बाद तो जिले में समाजवादी लहर ने हमेशा बढ़त दिलाई और मुलायम सिंह की नजदीकियां बढ़ती गई। मुलायम पहले नेता और लोकप्रिय चेहरा थे जिन्होंने गाजीपुर में समाजवादी विचारधारा को मजबूत किया।
गाजीपुर के पूर्व सांसद ओपी सिंह ने बताया कि मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव के बाद गाजीपुर की लोकसभा में भी मजबूत भागीदारी सुनिश्चित की। गाजीपुर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद दिल्ली गए और पूर्वांचल की आवाज को मजबूत किया । उन्होंने पूर्वांचल में कांग्रेस के वर्चस्व को समाप्त कर गाजीपुर को सपा का गढ़ बनाया। इसका परिणाम है कि 2019 में सपा गठबंधन सांसद जीते तो 2022 में सात की सातों सीटों पर समाजवादी गठबंधन के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की।
ओमप्रकाश पर हमेशा मुलायम ने जताया भरोसा : गाजीपुर में मुलायम सिंह यादव के करीबियों में पूर्व एमएलसी रामकरन दादा, पूर्व मंत्री कैलाश यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह, पूर्वमंत्री कालीचरण यादव, पूर्व सांसद राधेमोहन, अंसारी बंधुओं समेत कई नेता शुमार रहे। जब प्रदेश में सपा की सरकार बनी तो गाजीपुर को प्रतिनिधित्व भी दिया। जमानियां से विधायक ओमप्रकाश सिंह पर मुलायम सिंह ने हमेशा भरोसा जताया और राजनीतिक भागीदारी भी दी। पूर्वांचल समेत प्रदेश के फैसलों में ओमप्रकाश का पहला सुझाव भी लेते थे इसलिए उन्हें सपा का प्रमुख महासचिव भी बनाया। आठ बार विधायक और एक बार सांसद बनने वाले ओमप्रकाश सिंह मुलायम के निधन भी बेहद भावुक और शोकाकुल नजर आए।