भदोही के दुर्गापूजा पंडाल अग्निकांड में अब तक एक दर्जन लोगों की जान जा चुकी है। इसमें पांच लोग एक ही परिवार के थे। बीएचयू के सुपर स्पेशयलिटी ब्लॉक के चौथे तल पर उमेश, घर के अन्य सदस्यों के जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद में दिन काट रहे हैं। जिन पांच सदस्यों का इलाज चल रहा है उनमें से तीन बीएचयू में और दो औराई स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं।
परिवार के अन्य सदस्यों का हाल पूछने पर उमेश एकदम से भावुक हो गए। अमर उजाला को बताया कि घटना वाले दिन कुल 13 लोग दुर्गा पूजा देखने के लिए निकले थे। हादसे में सभी हल्का या गंभीर रूप से झुलसे थे। आंशिक रूप से जले तीन लोगों को उसी दिन मरहम पट्टी के बाद घर जाने दिया गया। जबकि 10 लोग अलग-अलग भर्ती हुए। कुछ भदोही में तो कुछ बनारस में। उमेश ने बताया कि मेरे परिवार के अब तक पांच लोगों की जान जा चुकी है। अब और हिम्मत नहीं बची है। मां जया देवी, बेटे नवीन के साथ अन्य लोगों का जाना बहुत ज्यादा खल रहा है। उम्मीद नहीं थी कि मेला देखने में मेरा पूरा परिवार उजड़ जाएगा। अब तो बाबा विश्वनाथ से यहीं कामना है कि जिन लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, वह जल्द स्वस्थ हो जाए।
बीएचयू सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के चौथे तल पर परिवार के सदस्यों को लेकर भर्ती उमेश अपने परिजनों की बात कहते कहते भावुक हो गए। अमर उजाला से बातचीत में बताया कि घटना वाले दिन गए 13 लोगों में तीन लोग घर चले गए थे। बाकी दस लोगों में एक तीन माह की बच्ची और घर की महिला सदस्य औराई स्थित निजी अस्पताल में और तीन लोग बीएचयू में भर्ती हैं। बाकी पांच लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बताया कि मेरी माता जय देवी, बेटा नवीन के साथ ही घर के तीन अन्य सदस्यों का जाना बहुत खुल रहा है।
भदोही में दो अक्तूबर को हुए अग्निकांड में बड़ी संख्या में लोग झुलस गए। इसमें कहीं माता-पिता, बच्चे तो कहीं एक ही परिवार में मां-बेटी और अन्य परिजन शामिल है। घटना में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें एक परिवार ऐसा भी है, जहां से कुल 13 लोग घटना वाले दिन वहीं मौजूद थे। इसमें तीन लोग तो घटना वाले दिन घर चले आए थे। बाकी 10 लोग बुरी तरह झुलस गए। इसमें घर के बच्चे भी शामिल रहे। इसके अलावा अलग-अलग जगहों से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है।
बीएचयू अस्पताल के सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक और ट्रामा सेंटर मिलाकर इस समय कुल 16 मरीज भर्ती है, जिनका इलाज चल रहा है। इसमें तीन की हालत गंभीर बनी है। इसमें एक साल और चार साल की एक-एक की बच्ची के साथ ही 18 साल से कम उम्र के कुल 12 बच्चे-बच्चियां हैं। बीएचयू अस्पताल प्रशासन के अनुसार इन 16 में दो 50 प्रतिशत झुलसे हैं जबकि बाकी 14 भी 20 से 40 प्रतिशत तक झुलसे हैं। चिकित्सकों की टीम सभी की निगरानी कर रही है। जिनका इलाज चल रहा है, उसमें सावित्रीदेवी (40), संजना
(18), रंजना (14), नित्या(1), अनंत(10),देव नारायण(60), अमीना विश्वास(51), उत्कर्ष पाल(8),विधि पाल(11), रौनक पाल (8), गीता देवी(40), गुलाबी (16), परी(4), माधवी(35), तुलसी (10) और श्रेया (13) घायल हैं।
बीएचयू सुपरस्पेशियलिटी और ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीजों की मानीटरिंग के लिए भदोही के जिलाधिकारी गौरांग राठी ने अधिकारियों की ड्यूटी तो लगाई है लेकिन स्थानीय स्तर पर सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी के निर्देशन में भी टीम निगरानी कर रही है। सीएमओ ने बताया कि बीएचयू अस्पताल, ट्रामा सेंटर में मरीजों का बेहतर इलाज हो रहा है। वहां चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ उनकी देखभाल कर रहे हैं।