दिल्ली हाई कोर्ट आज पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर की कॉपी उपलब्ध कराने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। जस्टिस अनूप कुमार मेंहदीरत्ता सुनवाई करेंगे। 7 अक्टूबर को कोर्ट ने एनआईए को नोटिस जारी किया था। याचिका मोहम्मद युसूफ ने दायर की है। उसे एनआईए की छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर वकील अदीत एस पुजारी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि आरोपितों को उनकी हिरासत खत्म होने के बाद एफआईआर और दूसरे दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाएगी , लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया। सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से याचिका के सुनवाई योग्य होने पर सवाल उठाया गया। एनआईए की ओर से कहा गया कि ट्रायल कोर्ट का आदेश अंतरिम है। इसलिए इसे चुनौती नहीं दी जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर को केंद्र सरकार ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। केंद्र सरकार ने पीएफआई के सहयोगी संगठनों, रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल (एआईसीसी), नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन (एनसीएचआरओ) नेशनल वुमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को भी प्रतिबंधित किया है। एनआईए ने कई राज्यों में छापा मारकर पीएफआई के काफी सदस्यों को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने भी करीब पचास स्थानों पर छापा मारकर 30 से ज्यादा पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया था।