पिरान कलियर का 754वां सालाना उर्स में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था रुड़की पहुंचा है। इन जायरीनाें को पिरान कलियर के साबरी गेस्ट हाउस में ठहराया गया है। प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं।
शुक्रवार को 150 पाकिस्तानी जायरीनों जत्था लाहौरी एक्सप्रेस ट्रेन से रुड़की रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। रेलवे स्टेशन पर सभी जायरीनों का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। इसके बाद भारी सुरक्षा के बीच बसों सेजायरीनों को पिरान कलियर के लिए रवाना किया गया। रुड़की में पाकिस्तानी जायरीन पिरान कलियर के साबरी गेस्ट हाउस में ठहराया गया है। पाकिस्तानी जायरीन दरगाह साबिर पाक के 754वें सालाना उर्स में शिरकत करेंगे।
उर्स आयोजन समिति के संयोजक व अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने बताया कि 10 अक्टूबर को पिरान कलियर में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तानी जत्थे के लीडर को लाहौर गुरु मंदिर और लाहौर शिव मंदिर के लिए हरिद्वार का गंगाजल सांसद डॉ. कल्पना सैनी, पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद महाराज भेंट किया जाएगा। साथ ही वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स दरगाह साबिर पाक का प्रसाद भी भेंट करेंगे।
मंगलौरी के अनुसार भारतीय दूतावास ने इस्लामाबाद से 166 यात्रियों को पिरान कलियर उर्स में शामिल होने के लिए वीजा प्रदान किया है। इनमें से 150 जायरीन ही भारत पहुंचे हैं। मंगलौरी ने बताया कि पांच वर्ष बाद यह जत्था इस बार उर्स में सद्भावना और विश्व शांति का पैगाम लेकर भारत आया है।
मंगलौरी ने बताया कि पाकिस्तान की बड़ी दरगाह बाबा फरीद पकपट्टन, जिनके सबसे अधिक श्लोक सिखों की पवित्र किताब गुरुग्रन्थ साहिब में लिखे हैं, के दीवान साहब अहमद मसूद फरीदी भी पहली बार आये हैं। साथ ही लाहौर की दरगाह दाता दरबार से साहिबजादा मोहम्मद शफी भी जत्थे में शामिल हैं।
उल्लखनीय है कि हर वर्ष हजरत मखदूम अली अहमद साबरी के अकीदतमंद जायरीन पिरान कलियर के उर्स में शामिल होने के लिए यहां पहुंचते हैं। पाकिस्तानी जायरीन करीब एक सप्ताह यहां रहेंगे। एक सप्ताह बाइ लाहौरी एक्सप्रेस ट्रेन से ही पाकिस्तान के लिए रवाना होंगे। जत्थे की सुरक्षा और निगरानी के लिए पुलिस प्रशासन व खुफिया विभाग को पूरी तरह से सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं।