पर्यटन सीजन में वियतनाम से आया 360 सैलानियों का सबसे बड़ा दल
वियतनाम ने भारत आने वाले अपने देश के नागरिकों को वापसी पर दस दिन के क्वारंटाइन की अनिवार्य बाध्यता समाप्त कर दी है। यही कारण है कि वियतनाम से लगातार सैलानियों के दल कुशीनगर आ रहे हैं।
शुक्रवार को सुबह 360 वियतनामी सैलानियों के दल ने महापरिनिर्वाण मन्दिर व रामाभार स्तूप पर विशेष पूजा कर दुनिया में खुशहाली, समृद्धि व शांति की कामना की। दूसरी तरफ थाईलैंड व कोरिया ने भी क्वारंटाइन की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। चीन व जापान जैसे विकसित देश भी नियमों में ढील दे रहे हैं, जिससे बौद्ध सर्किट के पर्यटन के पटरी पर आने की उम्मीद जगी है।
27 सितम्बर से शुरू पर्यटन सत्र में बड़ी संख्या में आने वाले वियतनामी सैलानियों का यह सबसे बड़ा दल है। इसके पूर्व आठ अगस्त को 75 , दो सितंबर को 109 और 18 सितम्बर को 143 वियतनामी सैलानियों का दल कुशीनगर आया था। कोविड -19 संक्रमण काल के दौर से उबरने के बाद वियतनामी सैलानियों ने बौद्ध सर्किट में आगमन से पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों में खुशी छा गई है। वियतनामी दल यहां के थ्री स्टार होटल रायल रेजीडेंसी व इम्पीरियल में ठहरा था। विशेष पूजा के बाद दल वातानुकूलित बसों से नालन्दा व राजगीर के लिए रवाना हो गया। इसके पूर्व बौद्ध भिक्षु भंते अशोक ने महापरिनिर्वाण मन्दिर में सैलानियों की विशेष पूजा सम्पन्न कराई।
सैलानियों ने बुद्ध की शयन मुद्रा वाली प्रतिमा पर चीवर अर्पित किया और महापरिनिर्वाण स्तुपा में संरक्षित बुद्ध की अस्थियों की परिक्रमा की। नाइस इंडिया ट्रैवेल नई दिल्ली के निदेशक आशुतोष बताते हैं कि वियतनाम ने अगस्त माह में ही क्वारंटाइन की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी। यही कारण है कि मार्च तक चलने वाले बौद्ध सर्किट के पर्यटन सीजन के दौरान वियतनामी सैलानियों के सैकड़ों छोटे बड़े ग्रुप का आगमन सुनिश्चित है।