विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को अपने बयान में रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संकट के समाधान के लिए भारत यथासंभव हर प्रकार की सहूलियत देने को इच्छुक है। जयशंकर ने बताया कि जब यूक्रेन और रूस के बीच संवेदनशील जपोरिज्जिया में लड़ाई बढ़ गई थी तब भारत ने मॉस्को पर वहां मौजूद परमाणु संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाया था।
उन्होंने आगे कहा कि मैं उस दौरान संयुक्त राष्ट्र के दौरे पर था और उसी समय हमसे निवेदन किया गया कि हम रूस पर दबाव डालें। हालांकि हमने इसको एक गंभीर चिंता के रूप में लिया और रूस को इस चिंता से रूबरू कराया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विश्व रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित है। उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण को भी एक बड़ा मुद्दा बताया। विदेश मंत्री जयशंकर ने दुनिया में दोहरे मापदंड और भारत की स्थिति पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दोहरे मापदंड का चलन पुराना है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने जो बदलाव देखे हैं उनमें से एक यह भी है कि अमेरिका अपने खुद के पुराने गठबंधन, संधि और रिश्ते से बाहर के देशों के साथ काम करने के लिए आगे बढ़ा है। उन्होंने आगे कहा कि आपके पास अदालत जैसे तंत्र हैं, जिसमें अमेरिका के लिए कुछ गठबंधन शामिल हैं। हालांकि भारत जैसा भी देश है जो ऐतिहासिक रूप से गठबंधनों और संधियों से दूर रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा कि 1970 और 1980 के दशक में प्रमुख निर्णय जी-7 देशों के द्वारा लिए जाते थे, लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव हुआ और इसका केंद्र जी-20 देशों की ओर स्थानांतरित हो गया। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इस दशक के अंत तक इसको दुनिया के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने न्यूजीलैंड समकक्ष नानाया महुता के साथ वार्ता में न्यूजीलैंड के द्वारा लागाए गए कोरोना मापदंडों का मुद्दा उठाया।
मालूम हो कि न्यूजीलैंड के द्वारा लागाए गए कोरोना मापदंडों के कारण भारतीय छात्रों को वीजा लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।विदेश मंत्री आकलैंड में छह अक्टूबर को प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न के साथ न्यूजीलैंड में रह रहे भारतीय समुदाय के सदस्यों को उनकी असाधारण उपलब्धियों और योगदान के लिए सम्मानित किए जाने वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्री न्यूजीलैंड दौरे के बाद कैनबरा और सिडनी की यात्रा करेंगे। उन्होंने ऑकलैंड बिजनेस चेंबर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सिमोन ब्रिजेस से लंबी बातचीत की।