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Cyber security: यूजी व पीजी में साइबर सुरक्षा की पढ़ाई अनिवार्य, यूजीसी की समिति ने बनाया मसौदा

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Cyber Security Education Compulsory In Ug And Pg - Cyber Security: यूजी व  पीजी में साइबर सुरक्षा की पढ़ाई अनिवार्य, यूजीसी की समिति ने बनाया मसौदा -  Amar Ujala Hindi News Live

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की उच्च समिति ने इसका मसौदा तैयार किया है। इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों में डिजिटल हाइजिन पर आधारित सामान्य दिशा-निर्देश दर्शाती पुस्तिका भी तैयार की गई है।

देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई अनिवार्य होगी। स्नातक प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी का बेसिक और मिड लेवल का कोर्स पढ़ाया जाएगा, जिसमें चार क्रेडिट होंगे।

स्नातकोत्तर प्रोग्राम में मिड और एडवांस लेवल की पढ़ाई करनी होगी, जिसके चार क्रेडिट होंगे। इसका मकसद, डिजिटल शिक्षा के दौर में छात्रों को साइबर ठगी के प्रति सावधान करना, तकनीकी ज्ञान देना और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ तैयार करना है।  इसमें साइबर सुरक्षा के लीगल, सामाजिक, आर्थिक पहलू से भी अवगत करवाया जाएगा।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की उच्च समिति ने इसका मसौदा तैयार किया है। इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों में डिजिटल हाइजिन पर आधारित सामान्य दिशा-निर्देश दर्शाती पुस्तिका भी तैयार की गई है। इसमें लिखा है कि सूचना प्रौद्योगिकी में आई क्रांति और सुरक्षा से जुड़े मामलों की बढ़ती मांग को देखते हुए साइबर सुरक्षा की सख्त महसूस की जा रही है।

सूचना प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रही बढ़ोतरी ने बेहद जटिल सवाल खड़े किए हैं। इनका माकूल समाधान आज की जरूरत है। उच्चस्तरीय विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार पाठ्यक्रम मौजूदा वक्त में साइबर सुरक्षा से जुड़े इन्हीं मसलों पर आधारित है। इसको तैयार करने में तकनीक, उसकी प्रक्रिया और आम लोगों को केंद्र में रखा गया है।

ऐसा होगा पाठ्यक्रम
यूजी प्रोग्राम में लेक्चर, टयूटोरियल, प्रैक्टिकल-प्रैक्टिस के आधार पर चार क्रेडिट मिलेंगे। इसमें साइबर सुरक्षा की सामान्य जानकारी, साइबर क्राइम और कानून, सोशल मीडिया और सुरक्षा, ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट, साइबर सुरक्षा में डिजिटल उपकरण और तकनीक आदि के बारे में पढ़ाया जाएगा। वहीं, स्नातकोत्तर प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी मैनेजमेंट,  डाटा प्राइवेसी और डाटा सिक्योरिटी,साइबर लॉ, साइबर क्राइम आदि के बारे में पढ़ाया जाएगा।

छात्रों को इन विषयों की मिलेगी जानकारी
साइबर स्पेस, वेब टेक्नोलॉजी, इंटरनेट सोसायटी, साइबर क्राइम, महिलाओं और बच्चों को किस प्रकार से साइबर क्राइम से खतरा, किस प्रकार के साइबर क्राइम होते हैं, भारत में साइबर सुरक्षा पर आधारित मामले, हैशटैग, सोशल मीडिया में प्राइवेसी, इंटरनेट बैंकिंग, डिजिटल भुगतान, मोबाइल से भुगतान, आधार, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान -सुरक्षा, मोबाइल फोन सिक्योरिटी, डाटा बैकअप, वाई-फाई सिक्योरिटी,  एंटी वायरस, साइबर अटैक, साइबर टेरिज्जम, साइबर वॉर, ऑनलाइन जॉब फ्राड, ट्रैफकिंग, ह्यूमन ट्रैफकिंग, जॉब स्कैम, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, साइबर पुलिस स्टेशन, एआई या एमआई , ब्लॉकचैन, साइबर क्राइम, सिक्योरिटी ऑडिट आदि शामिल हैं।

शिक्षण संस्थानों में माह के पहले बुधवार को साइबर जागरूकता दिवस मनेगा

देश के सभी शिक्षण संस्थानों में हर महीने के पहले बुधवार को साइबर जागरूकता दिवस मनाया जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को इस संबंध में पत्र लिखकर स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में साइबर जागरूकता दिवस चलाने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत छात्रों के साथ शिक्षकों और कर्मियों को भी जानकारियां दी जाएंगी। उधर, केंद्रीय गृहमंत्रालय के निर्देश के बाद यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को चीफ इंफोरमेशन सिक्योरिटी ऑफिसर तैनात करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा सभी संस्थानों को साइबर सुरक्षा जागरूकता पर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।

यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने बताया कि डिजिटल शिक्षा के दौर में छात्रों को साइबर ठगी के प्रति सावधान करना, तकनीकी ज्ञान देना और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ तैयार करना है। इसमें साइबर सुरक्षा के लीगल, सामाजिक, आर्थिक पहलू से भी अवगत करवाया जाएगा।

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