एनटीपीसी समूह की कंपनियों ने अप्रैल से सितम्बर 2022 तक 203.5 बीयू का उत्पादन दर्ज किया, जो अप्रैल से सितम्बर 2021 में उत्पन्न 176.8 बीयू से 15.1 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करती है। उच्च उत्पादन वृद्धि बेहतर निष्पादन और चालू वर्ष में बिजली की मांग में बढ़ोतरी का संकेत देती है।
उत्तर प्रदेश में एनटीपीसी रिहंद (3000 मेगावाट) अप्रैल से सितम्बर 2022 के बीच 90.22 प्रतिशत प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) के साथ शीर्ष प्रदर्शन करने वाला थर्मल पावर प्लांट रहा। एनटीपीसी कोयला स्टेशनों का कुल प्लांट लोड फैक्टर अप्रैल से सितम्बर 2022 तक 76.3 प्रतिशत था, जो परिचालन उत्कृष्टता के उच्च स्तरों तथा बिजली संयंत्रों के संचालन और रखरखाव में एनटीपीसी की विशेषज्ञता का एक प्रमाण है।
एनटीपीसी की कुल संस्थापित क्षमता 70234 मेगावाट है। एनटीपीसी हरित हाइड्रोजन, अपशिष्ट से ऊर्जा और ई-गतिशीलता जैसे नए व्यावसायिक क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है। भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी का लक्ष्य 2032 तक शुद्ध ऊर्जा तीव्रता में 10 प्रतिशत की कमी करना है। एनटीपीसी ऊर्जा पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय वार्ता (एचएलडीई) के हिस्से के रूप में अपने ऊर्जा कॉम्पैक्ट लक्ष्यों को घोषित करने वाली पहली ऊर्जा कंपनी है।
बिजली उत्पादन के अतिरिक्त, एनटीपीसी ने जलीय, पवन और सौर जैसे स्वच्छ और हरित स्रोतों और हरित हाइड्रोजन समाधानों के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन को विविधीकृत किया है। बिजली क्षेत्र की इस बड़ी कंपनी ने ईंधन सेल, ई-मोबिलिटी और वेस्ट-टू-एनर्जी सहित कई तरह के व्यावसायिक क्षेत्रों में भी कदम रखा है।