एक अधिकारी ने कहा कि हम करदाताओं के लिए अभियोजन को और अधिक सरल और अनुकूल बनाने के लिए जीएसटी अधिनियम के तहत प्रावधान बनाने पर काम कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने कहा कि जो भी अभी का सीमा स्तर है, उस पर फिर से विचार किया जा रहा है।
सरकार जीएसटी में पंजीकृत कारोबारियों को राहत दे सकती है। इसके लिए कुछ अपराधों को खत्म करने और कुछ अपराधों पर कम शुल्क लगाने की योजना है। वर्तमान में उन अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलता है, जहां वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की चोरी या इनपुट टैक्स क्रेडिट का दुरुपयोग पांच करोड़ रुपये से अधिक होता है।
एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि हम करदाताओं के लिए अभियोजन को और अधिक सरल और अनुकूल बनाने के लिए जीएसटी अधिनियम के तहत प्रावधान बनाने पर काम कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने कहा कि जो भी अभी का सीमा स्तर है, उस पर फिर से विचार किया जा रहा है।
कम से कम 10 हजार शुल्क
उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत अपराधों के लिए कंपाउंडिंग शुल्क को भी कम किया जाएगा, ताकि करदाताओं को मुकदमेबाजी में जाने से बचाया जाए। अपराधों की कंपाउंडिंग के लिए देय रकम टैक्स की रकम का 50 फीसदी या 10 हजार रुपये होगी। इसमें जो कम होगा, वही लागू होगा।
- अधिकतम रकम 150 फीसदी या 30 हजार रुपये में से जो ज्यादा होगी, उसे लागू किया जाएगा। इन सभी बदलावों को जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में रखा जाएगा।
1.45 लाख करोड़ रुपये हो सकता है संग्रह
इस महीने में जीएसटी संग्रह 1.45 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। इस साल मार्च से अगस्त तक हर महीने 1.40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा संग्रह रहा है। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक आर्थिक गतिविधियां ठीक-ठाक रही हैं। एक साल पहले इसी महीने में 1.17 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह था।
- 2022-23 में औसत मासिक कलेक्शन 1.55 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। अब तक सबसे ज्यादा 1.68 लाख करोड़ रुपये इस साल अप्रैल में आया था। उसके बाद से हर महीने यह संग्रह घटता ही गया। इस महीने का जीएसटी आंकड़ा एक अक्तूबर को सरकार जारी करेगी।