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30/10 बम विस्फोटः गौहाटी हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपित दैमारी की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

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NDFB Ranjan

गौहाटी उच्च न्यायालय ने असम के विभिन्न हिस्सों में 30 अक्टूबर, 2008 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में मुख्य आरोपित नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी-आर) के प्रमुख रंजन दैमारी की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखी है।

गौहाटी उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में सजा सुनाई। न्यायालय के निर्णय पर बोडो नेताओं ने असंतोष व्यक्त किया है।

ज्ञात हो कि 30 अक्तूबर, 2008 को विद्रोही समूह एनडीएफबी द्वारा राजधानी गुवाहाटी के साथ-साथ कोकराझार, बंगाईगांव और बरपेटा जिलों में किए गए सिलसिलेवार बम विस्फोटों में लगभग 88 लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हो गए थे।

इस भयावह विस्फोट के मुख्य आरोपित एनडीएफबी प्रमुख रंजन दैमारी को इससे पहले 2019 में गुवाहाटी में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

सीबीआई अदालत ने 28 जनवरी, 2019 को मामले की सुनवाई करते हुए दैमारी सहित 14 अन्य आरोपितों को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया था। सीबीआई की विशेष अदालत ने रंजन दैमारी के अलावा नौ अन्य आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। चार अन्य को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई और प्रत्येक पर 3 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। पांच साल की जेल की सजा काट रही नीलिम दैमारी को जेल के अंदर सात साल बिताने के लिए जेल से रिहा कर दिया गया था।

मामले में आरोपितों में रंजन दैमारी, जॉर्ज बोरो, अजय बासुमतारी, राजेंद्र ग्यारी, अंचाई बोडो, खरगेश्वर बसुमतारी, लखरा बसुमतारी, इंदिरा ब्रह्म, बैशागी बसुमतारी और राजू सरकार शामिल हैं। 5 साल की कैद और 3 हजार रुपये जुर्माना की सजा पाने वाले 4 आरोपितों में जयंती ब्रह्म, मथूराम ब्रह्म, प्रभात बोडो और नीलिमा दैमारी शामिल है।

ज्ञात हो कि 2020 में केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल होने के लिए रंजन दैमारी को गुवाहाटी स्थित केंद्रीय कारागार से रिहा किया गया था। गौहाटी उच्च न्यायालय ने चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी, क्योंकि असम सरकार ने अदालत में दैमारी की जमानत याचिका का विरोध नहीं किया था।

उल्लेखनीय है कि एनडीएफबी सशस्त्र विद्रोही समूह द्वारा किया गया विस्फोट इतना भयानक था कि कुल 88 लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हो गए थे। इसकी क्रूरता ने पूरे राज्य की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया। इस मामले में कुल 650 लोगों ने गवाही दी थी।

गुवाहाटी के गणेशगुड़ी, पानबाजार और फैंसीबाजार के साथ-साथ बरपेटा रोड, बंगाईगांव और कोकराझार में एक साथ कई शक्तिशाली बम विस्फोट किए गए थे।

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