विश्व पर्यटन दिवस पर मंगलवार को धर्म नगरी काशी में कई सामाजिक संगठनों ने पर्यटकों का सम्मान किया और जागरूकता रैली भी निकाली। वाराणसी टूरिज्म गिल्ड से जुड़े सदस्यों ने नदेसर स्थित एक तारांकित होटल से शास्त्री घाट वरुणापुल तक हेरिटेज वॉक (पदयात्रा) निकाली।
पदयात्रा में पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के साथ बीएचयू पर्यटन विभाग के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भी भागीदारी की। इस दौरान बीएचयू पर्यटन विभाग के प्रो. प्रवीण राणा ने बताया कि इस बार विश्व पर्यटन दिवस की थीम पर्यटन पर पुनर्विचार (टूरिज्म रीथिंकिंग) हैं। उन्होंने बताया कि पर्यटन बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार देता है। कोरोना महामारी के दौर में यह क्षेत्र काफी प्रभावित रहा लेकिन अब तेजी से फिर आगे बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के साथ ही घरेलू पर्यटन को भी बढ़ावा देने की जरूरत है।
उधर, विश्व पर्यटन दिवस पर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने काशी के गंगा घाटों पर नमामि गंगे ने स्वच्छता की अलख जगाई । काशी के रोजगार और आजीविका में सहायक पर्यटकों का अभिनंदन किया । अलकनंदा क्रूज में बैठकर काशी के घाटों की छटा निहार रहे पर्यटकों ने भी अपने अभिनंदन से खुशी जताई। और हर- हर महादेव, हर -हर गंगे का गगनभेदी उद्घोष किया । उत्तरवाहिनी गंगा और घाटों की अद्भुत और अलौकिक छटा को अपनी अंतर्मन में सहेज रहे देश विदेश से आए पर्यटकों ने भी स्वच्छता में सहयोगी बनने की अपील नमामि गंगे के सदस्यों के साथ की ।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि विश्व पर्यटन दिवस मनाने का मकसद पर्यटन को बढ़ावा देना है । इसके जरिए रोजगार पैदा हो सकेगा। जब लोग कहीं घूमने के लिए जाते हैं तो वहां रुकते हैं, खाते-पीते हैं और शॉपिंग करते हैं । इससे टूरिज्म और रोजगार को बढ़ावा मिलता है। पर्यटन के प्रति जागरूकता लाने और इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। लोगों को पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षित किया जाता है ।