अन्तरराष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), यूपी एटीएस के अलावा स्थानीय पुलिस उत्तर प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े लोगों पर शिकंजा कस रही है। इसी क्रम में मंगलवार को भी यूपी एटीएस ने स्थानीय पुलिस के साथ प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी की है।
पीएफआई के खिलाफ देश के सात से अधिक राज्यों में जांच एजेंसी ने स्थानीय पुलिस के साथ छापेमारी की है। इसी कड़ी में यूपी एसटीएफ के साथ यूपी एटीएस ने सयुंक्त अभियान चलाकर कई जिलों में छापेमारी करते हुए संदिग्धों को उठाया है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि कितने लोग हिरासत में लिए गए हैं। लेकिन सूत्रों से यह जानकारी मिल रही है कि राज्य भर में छापेमारी में कई पीएफआई नेताओं या उनसे जुडे़ लोगों को हिरासत में लिया है। इसमें लखनऊ से सात और बुलंदहशहर के दो सदस्य भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। सूत्रों की मानें तो इन लोगों के पास से मिले मोबाइल और दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। इनसे पूछताछ भी की जा रही है। कार्रवाई को लेकर अभी तक किसी का अधिकारिक बयान नहीं आया है।
इस मामले में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का बयान आया है। उन्होंने कहा कि यूपी में सक्रिय पीएफआई के नेटवर्क को पूरी तरह से धवस्त किया जा रहा है। किसी भी स्थिति में हम प्रदेश में गैर कानूनी गतिविधियों को अनुमति नहीं देंगे। पूरे प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। लोग सर्विलांस पर हैं।
उल्लेखनीय है कि टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए एनआईए ने देश भर में छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में देश के कई राज्यों से 106 से अधिक पीएफआई के सदस्यों को हिरासत में लिया गया था।