आश्विन शुक्ल प्रतिपदा पर सोमवार अलसुबह मंगला आरती के साथ विंध्याचल धाम में नवरात्रि मेला शुरू हो गया। माता विंध्यवासिनी का धाम जयकारे से गूंज उठा। सुबह 10 बजे तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा भक्त मां के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। यह अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। मंगला आरती के बाद शुरू हुआ दर्शन-पूजन का सिलसिला अनवरत जारी है। शारदीय नवरात्र में 24 घंटे मां भगवती अपने भक्तों को दर्शन देंगी।
गंगा नदी में स्नान करने के पश्चात दर्शन-पूजन करने के लिए भक्त कतारबद्ध हो गए। किसी ने गर्भगृह में तो किसी ने झांकी से मां के भव्य स्वरूप का दर्शन किया। मां के दर्शन कर भक्त निहाल हो गए। सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात है। सिटी मजिस्ट्रेट/मेला प्रभारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि 3.50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन-पूजन कर चुके हैं।
नवरात्र में शक्ति के प्रमुख स्थलों में दर्शन एवं पूजन का विशेष महत्व है। देश के प्रमुख शक्ति स्थलों में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले स्थित मां विंध्यवासिनी के पावन धाम में नवरात्र पर देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण दो वर्ष बाद शारदीय नवरात्र पर विंध्याचल मेले को लेकर जबरदस्त उत्साह है।
शारदीय नवरात्र शुरू होते ही रविवार आधी रात से ही पहाड़ावाली के जय जयकारे से विंध्य धाम की गलियां गूंज उठीं। तरह-तरह के सुंगधित फूलों से जगत जननी का दरबार सजा है। सूर्यास्त के बाद से ही मेला क्षेत्र श्रद्धालुओं से पट गया था। दर्शन-पूजन के दौरान श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। इसके लिए जिले के आला अधिकारी मेला क्षेत्र में अपने-अपने स्थान पर डट गए।
नौ दिनों तक आदिशक्ति माता विंध्यवासिनी नवदुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती हैं। आदिशक्ति का परम धाम विंध्याचल केवल एक तीर्थ नहीं बल्कि प्रमुख सिद्धपीठ है। शारदीय नवरात्र में देश के कोने-कोने से भक्त मां के दर्शन के लिए आते हैं ।
मेला की पूर्व संध्या पर विंध्याचल की अद्भुत छटा देखते ही बन रही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विंध्याचल आने के बाद जिला प्रशासन भी पूरी सक्रियता से अपनी भूमिका में दिखा। मेला क्षेत्र की मुख्य सड़कों, गलियों, गंगा घाटों और अष्टभुजा पहाड़ पर देश के कोने-कोने से आने वाले भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना होने पाए, इसके लिए प्रशासन की ओर से विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां विंध्यवासिनी के दर्शन करने का अपना अलग ही महात्म है। श्रद्धालुओं ने गर्भगृह के साथ ही झांकी से भी मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन कर मंगलकामना किया।