पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश के बाद गंगनहर में भारी मात्रा में सिल्ट आ गया है। जिसके चलते यूपी सिंचाई विभाग ने हरिद्वार से कानपुर तक जाने वाली गंगनहर को बंद कर दिया है। जिससे कानपुर तक की गंगनहर सूख गई है।
सिंचाई विभाग के अधिकारी अब गंगनहर में सिल्ट हटाने की बात कह रहे हैं। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ शिव कुमार कौशिक का कहना है कि पहाड़ों पर लगातार बारिश होने के कारण गंगनहर में भारी मात्रा में सिल्ट आ गया है। जिसे देखते हुए गंगनहर को बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि सिल्ट को हटाने का कार्य किया जा रहा है। सिल्ट की मात्रा कम होने के बाद गंगनहर को खोल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब सिल्ट की मात्रा 7 हजार 500 पीपीएम से कम हो जाएगी, तभी गंगनहर को दोबारा खोला जा सकता है। गंगनहर बंद होने से जहां सिंचाई विभाग के लिए गंगनहर से सिल्ट हटाना किसी चुनौती से कम नहीं है।
गौरतलब है कि हरिद्वार से पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक जाने वाली गंगनहर की प्रवाह को रोक दिया गया है। यह नहर कई हेक्टेयर खेत खलियान को सींचने का काम करती है। इस समय किसानों की फसलें खेतों में खड़ी होती हैं, जिस कारण यह गंगनहर ही किसानों के लिए सबसे बड़ी मददगार साबित होती है, लेकिन कुछ दिनों से पूरे इलाके में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने जमीन की प्यास बुझा दी है। जिस कारण किसानों को फिलहाल गंगा के पानी की कोई जरूरत नहीं है।
किसानों की मांग खत्म होने और सिल्ट जमा होने के कारण यूपी सिंचाई विभाग ने फिलहाल गंगनहर को रोक दिया है। एसडीओ कैनाल एसके कौशिक का कहना है कि फिलहाल गंगा में सिल्ट की मात्रा सीमित है, लेकिन तराई के इलाकों में किसानों की ओर से फिलहाल पानी की किसी तरह की कोई मांग नहीं है। क्योंकि बरसात के चलते सभी के खेत पानी से लबालब हैं, जब किसानों की ओर से पानी की मांग की जाएगी तो गंगनहर को खोल खेतों तक पानी पहुंचा दिया जाएगा।