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हास्य कलाकार ‘गजोधर’ के अंतिम दर्शन नहीं कर सकेंगे कानपुरवासी, प्रशंसकों में मायूसी

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हास्य कलाकार ‘गजोधर’ के अंतिम दर्शन नहीं कर सकेंगे कानपुरवासी, प्रशंसकों में मायूसी 

संसाद सत्यदेव पचौरी के साथ कानपुर वासियों ने जताया दुख

मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ‘गजोधर’ के निधन की सूचना बुधवार काे जैसे ही उनके गृह जनपद कानपुर पहुंची, उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके प्रशंसकों के साथ रिश्तेदार व शहरवासी आवास पहुंचने लगे। इस बीच जैसे ही लोगों को यह पता चला कि अंतिम दर्शन के लिए अब उन्हें जनपद नहीं लाया जाएगा तो यह गम दो गुना हो गया। यह मंजर आज किदवई नगर एम ब्लॉक स्थित गजोधर भैया के आवास के बाहर उनके प्रशंसकों की भीड़ में देखने को मिला।

दरअसल मशहूर हास्य कलाकार व उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरमैन राजू श्रीवास्तव उर्फ गजोधर का दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। यह खबर जैसे ही उनके शहर कानपुर पहुंची, प्रशंसकों में गम का माहौल छा गया। दुख की इस घड़ी में उनके अंतिम दर्शन करने का इंतजार था और दुख प्रकट करने के लिए रिश्तेदारों व करीबियों का तांता उनके किदवई नगर आवास पर लगा था तभी अंतिम क्रिया के दिल्ली में होने की सूचना ने सभी को मायूस कर दिया।

शहर में रहने वाले उनके प्रशंसक व हास्य कलाकार अन्नू अवस्थी ने बताया कि राजू भैया को जब भी टीवी पर देखते थे तो मन प्रसन्न होती थी। उनके जमीनी स्तर व लोगों की वास्तविक जीवन से जुड़ी हकीकत को लेकर तैयार हास्य सभी के दिलों को छू जाते थे। उनके निधन की पीड़ा को शब्दों से बयां करना मेरे लिए बेहद कठिन हो रहा है। ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ऐसा ही हाल उनके हर एक जानने वाले को हैं। उनके निधन पर पत्रकारों ने भी दुख जताया है।

सांसद सत्यदेव पचौरी ने जताया दुख

कानपुर नगर लोकसभा के सांसद सत्यदेव पचौरी ने हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने राजू श्रीवास्तव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पण करते हुये कहा की दुनिया को हंसाने वाला आज रुला कर अलविदा कह गया। सांसद ने दुःखी मन से कहा कि हास्य एक ऐसी विधा है जिसे कर पाना अभिनय में सबसे मुश्किल काम माना जाता है लेकिन राजू ने सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में भी अपने हास्य व्यंगों के माध्यम से कानपुरिया अंदाज का सजीव मंचन करते हुये अपने हुनर की अमिठ छाप छोड़ी। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश फ़िल्म विकास परिषद के चेयरमैन बनकर यूपी में फिल्मों के बनने, यूपी व भोजपुरी कलाकारों के लिये एक नई राह खोल दी थी। उन्होंने राजनीति का सफर हो या फिर समाज सेवा की बात, वे पर्दे पर जितना सहज थे उससे कहीं ज्यादा असल जिंदगी में वे सरल रहें। हर किसी की मदद के लिये हमेशा आतुर रहते थे। ऐसे व्यक्तित्व के रिक्तता की पूर्ती कोई नहीं कर सकता है। वे दुनिया को भले अलविदा कह गये पर उनके हास्य व्यंगों के जरिये चिरकाल तक वे अमर हो गये। उनके परिवार के प्रति मेरी सहानुभूति है और राजू के प्रति गहरा शोक व दुःख है, देश की ऐसी अद्धभुत विभूति को नमन है।

राजू के पिता भी थे हास्य कलाकार

राजू श्रीवास्तव का वास्तविक नाम सत्य प्रकाश श्रीवास्तव था। उनके पिता रमेश चन्द्र श्रीवास्तव उर्फ बलई काका भी हास्य के बड़े कवि थे। राजू श्रीवास्तव के भाई काजू, चंद्रप्रकाश, दीपू श्रीवास्तव परिवार समेत कानपुर में ही रहते हैं। राजू श्रीवास्तव सात भाई-बहनों में 4 नंबर पर थे। उनका कानपुर के नयापुरवा में पैतृक निवास है। परिवार के लोग यहीं रहते हैं। 17 मई 1993 को उनकी शादी इटावा की रहने वाली शिखा श्रीवास्तव के साथ हुआ था। उनके एक बेटा आयुष्मान श्रीवास्तव (स्टूडेंट और सितार वादक) और एक बेटी अंतरा श्रीवास्तव (असिस्टेंट डायरेक्टर) हैं। राजू श्रीवास्तव ने वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी।

फिल्मी जगत में 1988 में कदम रखा, 17 फिल्मों में निभाया किरदार

हास्य कालाकार राजू श्रीवास्तव ने 1988 से सिनेमा जगत में कदम रखा और अभिनय के जरिए अपनी छाप छोड़ी और 17 फिल्मों में अभिनय किया। वह पहली बार फिल्मी पर्दे पर 1988 में बनी फिल्म तेजाब में दिखे। इस फिल्म में भले ही उन्होंने छोटा रोल निभाया, लेकिन उनकी प्रतिभा ने बड़े फिल्म तैयार करने वालों का ध्यान खींचा। यही वजह थी कि एक वर्ष बाद ही 1989 में उन्हें राजश्री प्रोडक्शन ने अपने मेगा प्रोजक्ट ‘मैंने प्यार किया’ में शामिल किया। राजू ने 1988 से 2017 तक 17 फिल्मों में काम किया। उसके बाद वह हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव, गजोधर भैय्या जैसे विभिन्न नामों से प्रशंसकों के बीच पुकारे जाने लगे।

गौरतलब है कि मशहूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव का दिल्ली स्थित में एम्स अस्पताल में बुधवार को निधन हो गया। दस अगस्त को जिम करते समय अचानक हार्ट अटैक के बाद उन्हें नई दिल्ली के अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था, जहां 42 दिन उपचार के बाद आज 58 वर्ष की आयु में लोगों को अपने हास्य से हंसी के ठहाके लगाने को मजबूर कर देने वाले राजू श्रीवास्तव उर्फ गजोधर भैय्या ने अंतिम सांस ली।

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