संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में भाग लेने न्यूयॉर्क पहुंचे भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को भारत, यूएई व फ्रांस के बीच त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक की। बैठक में तीनों देशों के बीच आर्थिक संबंध बेहतर करने के साथ कई मुद्दों पर सहमति बनी है। महासभा से इतर इस पहली बैठक में रणनीतिक भागीदारों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों के बीच विचारों के सक्रिय आदान-प्रदान पर ध्यान देने के समकालीन तरीके पर भी चर्चा हुई।
यूएई की मेजबानी में हुई इस बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर के साथ यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल-नाहयान और यूरोप व विदेश मामलों के लिए फ्रांसीसी मंत्री कैथरीन कोलोना ने हिस्सा लिया। जयशंकर ने व्यस्त कूटनीतिक सप्ताह की शुरुआत महासभा सत्र से इतर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों के साथ की। यह भारत, यूएई व फ्रांस की पहली मंत्रिस्तरीय ‘त्रिपक्षीय’ बैठक थी, जिसमें तीनों अलग-अलग देश होते हुए भी एक-दूसरे के रणनीतिक साझेदार हैं। जयशंकर ने क्वाड और आई2यू2 की नजीर देते हुए कहा कि तीनों देश एक-दूसरे से काफी सहज हैं और कई क्षेत्रों में समन्वित ढंग से काम कर सकते हैं। यूएई के मंत्री से द्विपक्षीय बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, हमने साझेदारी की निरंतर प्रगति की समीक्षा की और सराहना की।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में भाग लेने पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को घाना के राष्ट्रपति नाना अकुफो एडो से मुलाकात की। मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि घाना के राष्ट्रपति से मिल कर प्रसन्नता हुई, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग पर चर्चा की, विशेष रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने पर। हमने विकास साझेदारी की उपलब्धियों की सराहना की।
इससे पहले जयशंकर ने मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकी से भी मुलाकात कर द्विपक्षीय रिश्तों पर बात की। इथियोपिया के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री डेमेके मेकोनेन हसन के साथ अपनी बैठक में जयशंकर ने अफ्रीकी देश में ताजा घटनाओं पर उनकी टिप्पणियों की सराहना की। उन्होंने शिक्षा और व्यापार में अधिक सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने यूक्रेन व ऊर्जा सुरक्षा पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।