दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक मसूद अजहर का अफगानिस्तान में अभी भी आतंकी कैंप है। इस साल संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान के नांगरहाल में जैश के आठ ट्रेनिंग कैंप होने का दावा किया था।
अक्टूबर में होने वाली फाइनेंशल टास्क फोर्स की बैठक से पहले पाकिस्तान पर इस बात का दबाव है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर कार्रवाई करे। मसूद अजहर वही आतंकी है जिसे 1999 में कंधार हाईजैक के बाद यात्रियों के बदले में छोड़ दिया गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ समय पहले मसूद अजहर काबुल में था और कुनार और खोस्त प्रांतों में उसका आना-जाना भी था। उसे पाकिस्तान की सीमा पर और पाकिस्तान के पूर्वी इलाके में देखा गया था।
एफएटीएफ की बैठक से पहले पश्चिमी देशों की मांग है कि मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं पाकिस्तान ने तालिबान से संपर्क किया और कहा कि अजहर को ट्रैस करके हिरासत में लिया जाए। तालिबान ने पाकिस्तान की रिपोर्ट को खारिज किया और कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी सशस्त्र संगठन को किसी देश के खिलाफ नहीं करने दिया जाएगा। एससीओ समिट के दौरान भी पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा कि मसूद अजहर अफगानिस्तान में ही था। जानकारी के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के अलावा अलकायदा ही तालिबान के करीब है।