सुप्रीम कोर्ट छत्तीसगढ़ का नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाला मामला दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की ईडी की मांग पर 26 सितंबर को सुनवाई करेगा। ईडी ने कहा है कि आरोपित आईएएस अफसर आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा इतने प्रभावशाली हैं कि उन्हें बचाने में बड़े पद पर बैठे कई लोग लगे हैं।
ईडी के सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नान घोटाले के आरोपितों को बचाने के लिए जांच को कमजोर करना चाहते हैं। बघेल के अलावा एक जज और राज्य सरकार के कानूनी सलाहकार के कार्यालय पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने घोटाले के मुख्य आरोपित आईएएस अनिल टुटेजा और डॉ आलोक शुक्ला को बिलासपुर हाई कोर्ट द्वारा मिली अग्रिम जमानत को रद्द करने की मांग भी की।
आरोप है कि नान घोटाले के मुख्य गवाह गिरीश शर्मा से ही ईओडब्लू के तत्कालीन अधिकारियों ने लगभग 20 लाख जब्त किए थे। गिरीश शर्मा ने अपने बयान में बताया था कि यह रकम अनिल टुटेजा और डॉ आलोक शुक्ला के हाथों में जानी है। उल्लेखनीय है कि गिरीश शर्मा ने एक याचिका दायर कर नान घोटाले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है।