बिहार के बेगूसराय में 20 मई को अपराधियों की गोली का शिकार हुए पत्रकार सुभाष को न्याय दिलाने के लिए बेगूसराय के पत्रकार लगातार सड़क पर डटे हुए हैं। पत्रकारों के एक समूह द्वारा शुक्रवार से शुरू दो दिवसीय आमरण अनशन लगातार जारी है। रात में भी समाहरणालय के दक्षिणी द्वार हड़ताली चौक पर पूरी रात पत्रकार सड़क पर सोए रहे। सड़क पर अनवरत डटे हुए सिटी न्यूज़ के निदेशक सुमित वत्स, पत्रकार संघ के अजय शास्त्री, पंकज कुमार झा, गुलशन कुमार, अविनाश भट्ट, प्रभात कुमार, जितेन्द्र कुमार, अमित कुमार एवं शिवम कुमार आदि ने शनिवार की सुबह बताया कि बेगूसराय में जंगलराज कायम है। यहां पुलिस की निष्क्रियता से हर आम और खास डर के साए में जी रहे हैं।
बेगूसराय में पहली बार 20 मई को परिहारा सहायक थाना क्षेत्र के सांखू गांव में अर्जुन महतो के इकलौते पुत्र पत्रकार सुभाष कुमार की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। लेकिन घटना के आठ दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। लगातार छापेमारी का दावा करने रहने के बावजूद पुलिस नामजद चार में से फरार तीन आरोपियों को पकड़ने में नाकाम है। एक आरोपी ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया यह भी पुलिस की विफलता ही है। सरकार सबका साथ-सबका विकास-सबको न्याय का दावा कर रही है। लेकिन यहां समाज के लिए दिन-रात लड़ने वाले पत्रकारों की हत्या पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
भूख हड़ताल पर डटे पत्रकारों का कहना है कि हत्यारे को अविलंब गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल चलाते हुए फांसी की सजा देने, पीड़ित परिवार को मुआवजा और सुरक्षा दिलाने के लिए आंदोलन की कड़ी में हमने दो दिवसीय भूख हड़ताल किया है। लेकिन 24 घंटा के बावजूद ना तो शासन-प्रशासन ने सुधि ली है और ना ही रात भर कोई पुलिस की टीम आस-पास से एक बार भी गुजरी है। शनिवार की देर शाम तक अपराधी नहीं पकड़े जाते हैं तो आगे हम लोग और उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।