महाराष्ट्र में जूना अखाड़ा के चार नागा संन्यासियों पर हमले के बाद हरिद्वार के संतों में खासा रोष है। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने महाराष्ट्र में नागा संन्यासियों पर हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कड़े शब्दों में निंदा की है।
शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि महाराष्ट्र के सांगली जनपद के लंबागढ़ गांव में जूना अखाड़े के चार नागा संन्यासियों पर स्थानीय लोगों ने हमला कर बेहद घिनौनी हरकत की है। ऐसी घटनाएं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नागा संन्यासियों ने भारत के साथ-साथ सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की परवाह नहीं की। साधु संतों पर हमला करना बेहद ही निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बच्चा चोर बताकर लाठी-डंडों से नागाओं पर हमला किया गया है, उससे साफ जाहिर होता है कि यह कोई सोची समझी साजिश है। संतों की अपनी परंपराएं होती हैं, जिन परंपराओं का वह निर्वहन करते हैं और धर्म का प्रचार करते हैं। इस तरह से एक सोची समझी साजिश के तहत उन्हें बच्चा चोर गैंग बताकर उन पर हमला करवाना या करना यह सनातनियों का काम नहीं है यह गैर गैरसनातनी लोग हैं, जो सिर्फ और सिर्फ भ्रम फैलाकर सनातन को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
शाम्भवी पीठाधीश्वर स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने भी घटना पर कड़ा ऐतराज जताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।